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Telangana: रेवंत रेड्डी से मुलाकात करना तेलंगाना के DGP को पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने जारी किया निलंबन का आदेश, जानिए पूरा माजरा

तेलंगाना में कांग्रेस की जीत की बधाई देने डीजीपी अंजनी कुमार के आवास पहुंचे और उन्हें गुलदस्ता भी भेंट किया। वहीं, इस मामले को संज्ञान में चुनाव आयोग ने संज्ञान में लेकर डीजीपी के खिलाफ निलंबन का आदेश पारित कर दिया।

नई दिल्ली। राजस्थान…छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मिली हार के बाद कांग्रेस को अगर कहीं से राहत मिली, तो वो था तेलंगाना। तेलंगाना की जनता ने कांग्रेस पर प्यार लुटाते हुए उन्हें विजयी बनाया। पार्टी की झोली में 64 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस के खाते में 8, तो वहीं बीआरएस के खाते में 39। इस तरह से कुल मिलाकर तेलंगाना में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की। उधर, तेलंगाना में कांग्रेस को मिली जीत के बाद रेवंत रेड्डी के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। अब आपके जेहन में सवाल आ सकता है कि आखिर रेवंत रेड्डी कौन हैं?, तो आपको बता दें कि रेवंत रेड्डी कांग्रेस के सीएम कैंडिडेट बताए जा रहे हैं। पार्टी ने उनके चेहरे के बलबूते ही प्रदेश में विजयी पताका फहराया है।

इसके अलावा उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एबीवीपी से की थी। कांग्रेस में शामिल होने से पहले वो तेलगु देशम पार्टी में थे, जहां से उन्होंने प्रदेश की राजनीति का ककहरा सीखा। इसके बाद वो कांग्रेस की शरण में आ गए, तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी, जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। रेवंत रेड्डी द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए श्रम का ही नतीजा है कि आज पार्टी तेलंगाना में भारी जीत दर्ज की है। यहां तक की बीआरएस जैसे क्षेत्रीय दुर्ग को भी ध्वस्त कर दिया है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि कांग्रेस उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए। चर्चा जोरो पर है, लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से इसकी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में अब आगामी दिनों में तेलंगाना की राजनीति में क्या कुछ स्थिति देखने को मिलती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि तेलंगाना के डीजीपी अंजनी कुमार पर बड़ी गाज गिर गई है। आखिर क्या है पूरा माजरा? आगे विस्तार से जानते हैं।

दरअसल, तेलंगाना में कांग्रेस की जीत की बधाई देने डीजीपी अंजनी कुमार के आवास पहुंचे और उन्हें गुलदस्ता भी भेंट किया। वहीं, इस मामले को संज्ञान में चुनाव आयोग ने संज्ञान में लेकर डीजीपी के खिलाफ निलंबन का आदेश पारित कर दिया। ध्यान दें, चुनाव आचार संहिता के मुताबिक, चुनाव और चुनावी नतीजों के दौरान कार्यपालिका के किसी भी अधिकारी को किसी राजनेता से मिलने की इजाजत नहीं है। ऐसे में चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर बीजेपी की क्या प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा विभिन्न चुनावी सूबों के सूरतेहाल के बारे में भी तफसील से जान लेते हैं।

सभी चुनावी सूबों का सूरतेहाल

बात सबसे पहले मध्य प्रदेश करे, तो यहां बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। पार्टी ने प्रदेश की 230 में से 163 , तो कांग्रेस ने 66 और अन्य दलों ने 1 सीट पर जीत हालिल की है। उधर, राजस्थान की बात करें, तो कांग्रेस ने 199 सीटों में से 114 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर सिमटकर रह गई। वहीं, अन्य दलों ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है। उधर, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 64 तो कांग्रेस ने 54 सीटों पर जीत हासिल की है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सभी चुनावी सूबों का सूरतेहाल कैसा रहता है। ये देखने वाली बात होगी, लेकिन आपको बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में इन पांचों राज्यों के चुनावी नतीजों के सेमीफाइनल के रूप में रेखांकित किया जा रहा, लेकिन अब इस पर सियासी प्रेक्षक विराम लगाते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, इसके पीछे की वजह 2018 के चुनाव नतीजे हैं। ध्यान दें, 2018 में कांग्रेस ने देश के तीन बड़े हिंदी सूबों में जीत का पताका फहराया था। इसके बाद इसे लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन जब लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए, तो ऐसा कांग्रेस की उम्मीदों को कुठाराघात पहुंचा। जिसे ध्यान में रखते हुए इस बार भी पार्टी भी सियासी प्रेक्षक इन चार राज्यों के चुनावी नतीजों को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखने से गुरेज कर रहे हैं।