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New Gift By Modi: बजट में मध्यमवर्ग को मिल सकता है ये शानदार तोहफा, जानकर आप हो जाएंगे खुश

कोरोना की वजह से मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा लोगों को स्वास्थ्य सेवा लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब सरकार सभी को योजना से जोड़ने की तैयारी में जुटी है। बता दें कि गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। ये प्रीमियम सरकार खुद देती है।

नई दिल्ली। पहली फरवरी को आ रहे बजट में मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी अच्छी खबर आ सकती है। हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ के अनुसार इन वर्गों के लोगों को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत लाया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में मध्यमवर्ग और नौकरी करने वालों को आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख सालाना के इलाज का एलान कर सकती हैं। अब तक करीब 11 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इन सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में 5 लाख सालाना तक कैशलेस इलाज की सुविधा मोदी सरकार ने दी है। अखबार की खबर के मुताबिक मध्यमवर्ग को योजना के दायरे में लाने के लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार किया गया है।

Ayushman Bharat Yojna

मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत के तहत देश के 55 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज देने का खाका तैयार किया था। अब तक 10.74 करोड़ परिवारों को इसका लाभ दिया जा सका है। मध्यमवर्ग को इसके दायरे में लाने के लिए सरकार आय का स्तर तय कर सकती है। बताया जा रहा है कि प्राइवेट नौकरी करने वालों को इस योजना के दायरे में फिलहाल लाया जाएगा। ऐसे में निजी कंपनियां सैलरी से ही योजना का प्रीमियम काटकर जमा कर देंगी और कर्मचारी के परिवार को कैशलेस इलाज का लाभ मिल सकेगा। तमाम कंपनियां ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस भी कराती हैं। ऐसे कर्मचारियों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस की जगह आयुष्मान भारत का कार्ड वो दे सकेंगी।

मोदी सरकार साल 2018 के बजट में आयुष्मान भारत योजना लाई थी। इस योजना के तहत अब तक चिन्हित किए गए परिवारों में से महज एक-तिहाई को ही योजना का लाभ दिया जा सका है। कोरोना की वजह से मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा लोगों को स्वास्थ्य सेवा लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब सरकार सभी को योजना से जोड़ने की तैयारी में जुटी है। बता दें कि गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। ये प्रीमियम सरकार खुद देती है। मध्यमवर्ग को प्रीमियम में छूट नहीं मिलेगी, लेकिन सरकार इसे कम से कम रख सकती है।