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केजरीवाल के काम को लेकर कांग्रेस में मचा घमासान, मिलिंद देवड़ा और माकन आपस में भिड़े

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की इस ऐतिहासिक जीत से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। आप की प्रचंड जीत के बाद जहां कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता जहां केजरीवाल को बधाई दे रहे हैं, वहीं कुछ नेता आम आदमी पार्टी की सरकार की तारीफों को लेकर एक दूसरे से भिड़े हुए हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की इस ऐतिहासिक जीत से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। आप की प्रचंड जीत के बाद जहां कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता जहां केजरीवाल को बधाई दे रहे हैं, वहीं कुछ नेता आम आदमी पार्टी की सरकार की तारीफों को लेकर एक दूसरे से भिड़े हुए हैं। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा का नाम जुड़ गया है। मिलिंद देवड़ा ने केजरीवाल सरकार की रिवेन्यू बढ़ाने को लेकर तारीफ की तो अजय माकन ने उन्हें पार्टी छोड़ने की सलाह दे डाली।

milind deora and Ajay maken

मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक ऐसी जानकारी साझा कर रहा हूं जो कि कम लोग जानते हैं. अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच साल में रेवेन्यू को डबल कर दिया गया है और अब ये 60 हजार करोड़ तक पहुंच गई है, दिल्ली अब भारत का सबसे आर्थिक रूप से सक्षम राज्य बन रहा है।’

मिलिंद देवड़ा के इस ट्वीट को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिट्वीट भी किया। लेकिन कांग्रेस नेता अजय माकन को ये पसंद नहीं आया। मिलिंद देवड़ा के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने लिखा, ‘भाई, अगर आपको कांग्रेस पार्टी छोड़नी है, तो छोड़ सकते हैं, फिर आधे पके तथ्यों को ठीक करें।’ अजय माकन ने इसी के साथ कुछ डाटा साझा किया।

देवड़ा ने किया पलटवार

मिलिंद देवड़ा ने माकन के ट्वीट पर सोमवार को पलटवार भी किया और जवाब देते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। अजय माकन के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘ब्रदर! मैं कभी भी शीला दीक्षित जी द्वारा किए गए काम को कमतर नहीं बताता। यह आपकी विशेषज्ञता है लेकिन बदलाव के लिए अभी देर नहीं हुई है। उन्होंने माकन को ताना देते हुए कहा कि अगर आपने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की वकालत करने की बजाय शीला दीक्षित जी की उपलब्धियों को उजागर किया होता तो आज कांग्रेस सत्ता में होती।

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी ट्वीट किया। अलका लांबा ने ट्वीट कर लिखा, ‘पार्टी के भीतर या फिर बाहर सिर्फ और सिर्फ उन्हें ही आवाज़ उठाने का, पद-टिकट पाने का अधिकार होना चाहिए जो @priyankagandhi की तरह पूरी तरह से समर्पित होकर, अपना आराम-चैन छोड़कर पार्टी और जनता के लिए सड़कों पर आंदोलित हो, बाकियों के लिए बेहतर होगा अगर वह अपनी जुबान बंद ही रखें तो।’