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Modi Governmet: मोदी सरकार में रेल मंत्रालय ने बनाया रिकॉर्ड, इतनी विदेशी मुद्रा की हर साल होगी बचत

Modi Governmet: रेल मंत्रालय ने तय किया है कि साल 2023 तक पूरे रेल नेटवर्क में बिजली के इंजनों से ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे बहुमूल्य डीजल खरीदना नहीं पड़ेगा और इससे हर साल करीब 18000 करोड़ रुपए की बचत भी होगी। इसके साथ ही नई तकनीकी को लाने पर भी जोर दिया जा रहा है। जिससे ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जा सकेगी।

नई दिल्ली। 2014 से केंद्र की सत्ता संभालने के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकार के लिए तमाम नए लक्ष्य तय किए थे। ये लक्ष्य न सिर्फ एक-एक कर पूरे हो रहे हैं, बल्कि नए रिकॉर्ड भी बन रहे हैं। ताजा रिकॉर्ड रेल मंत्रालय का है। यह ऐसा रिकॉर्ड है, जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की हर साल बचत होगी।

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रेल मंत्रालय का रिकॉर्ड ये है कि बीते 7 साल में उसने जितना रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया है, उतना बीते 67 साल में नहीं हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक 1947 में आजादी के बाद से 2014 में मोदी सरकार के सत्ता संभालने तक देश में महज 21614 किलोमीटर पटरियों पर ही बिजली के इंजन से ट्रेनें चलती थीं। जबकि, 2014 में नई सरकार बनने से अब तक और 24267 किलोमीटर रूट पर बिजली से ट्रेनें चलने लगी हैं।

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रेल मंत्रालय ने तय किया है कि साल 2023 तक पूरे रेल नेटवर्क में बिजली के इंजनों से ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे बहुमूल्य डीजल खरीदना नहीं पड़ेगा और इससे हर साल करीब 18000 करोड़ रुपए की बचत भी होगी। इसके साथ ही नई तकनीकी को लाने पर भी जोर दिया जा रहा है। जिससे ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जा सकेगी।

PM Narendra Modi

फिलहाल एलएचबी कोच वाली ट्रेन रैक में कोच में बिजली सप्लाई और एसी चलाने के लिए अलग से डीजल जेनरेटर लगाना पड़ता है। नई तकनीकी के तहत अब ऐसे रेल इंजन बन रहे हैं, जो ओएचई से 25000 वोल्ट करंट लेकर उसे ट्रांसफॉर्मर से स्टेप डाउन कर कोच में 250 वोल्ट की बिजली सप्लाई कर सकेंगे। इससे ट्रेनों में डीजल जेनरेटर नहीं लगाने पड़ेंगे और इससे भी काफी विदेशी मुद्रा की बचत रेलवे कर सकेगी।