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CM Yogi: नाबालिग लड़के ने सीएम योगी के खिलाफ की भड़काऊ पोस्ट, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सुनाई ये सजा

CM Yogi: दरअसल, 15 वर्षीय किशोर ने सीएम योगी की तस्वीर को एडिट उस पर भड़काऊ भाषण लगाकर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की छवि को धुमिल करने के ध्येय से साझा किया था। जिस पर संज्ञान लेने के उपरांत अब किशोर को सजा सुनाई गई है। बहरहाल, वर्तमान में यह मामला अभी खासा सुर्खियों में है।

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों की घटनाओं के मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछेक शरारती तत्वों के लोग केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए अब मासूम बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चों का इस्तेमाल कर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलवाया जा रहा है। शायद आपको याद हो कि कल यानी की विगत सोमवार को केरल में पीएफआई संगठन के बैनर तले आयोजित की गई रैली में कैसे मासूम बच्चों का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ जहर उगलवाया गया था। हालांकि, एनसीपीसीआर ने उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेने के बाद पीएफआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार कर ली है। अब बहुत जल्द ही इसे जमीन पर उतारने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे, लेकिन अब इसी बीच कुछ ऐसी ही खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है, जहां महज 15 वर्षीय किशोर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की तरफ से सजा सुनाई गई है।

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दरअसल, 15 वर्षीय किशोर ने सीएम योगी की तस्वीर को एडिट उस पर भड़काऊ भाषण लगाकर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के ध्येय से साझा किया था। जिस पर संज्ञान लेने के उपरांत अब किशोर को सजा सुनाई गई है। बहरहाल, वर्तमान में यह मामला अभी खासा सुर्खियों में है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन अब इस बात को लेकर भी बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है कि पहले तो शरारती तत्व के लोग बीजेपी सरकार की छवि खुद ही धुमिल किया करते थे, लेकिन अब ऐसे लोग मामूम बच्चों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में एनसीपीसीआर की तरफ से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन आपको बता दें कि सीएम योगी की तस्वीर को एडिट कर उस पर भड़काऊ भाषण लगाने वाले किशोर को 15 दिनों तक  गौशाला में सामूदायिक सेवा करने की सजा सुनाई गई है। और इन दौरान किशोर को सार्वजनिक स्थलों की सफाई भी करनी होगी। बता दें कि उक्त किशोर के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

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बोर्ड अध्यक्ष आंचल अधाना ने अरविंद गुप्ता और प्रमिला गुप्ता के साथ मिलकर सोमवार को यह फैसला दिया। बहरहाल, अब ऐसी स्थिति में यह पूरा मामला आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन इस बीच इस बात को लेकर बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है कि आखिर जिस तरह से कुछ शरारती तत्वों द्वारा केंद्र की मोदी सरकार की छवि को धूमिल करने हेतु बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह यकीनन चिंता का विषय है। अब इस विषय का स्थायी निराकरण करने की दिशा में कदम उठाने उठाए जाएंगे। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम