newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Sharad Vs Ajit Pawar: अजित पवार समेत एनसीपी से अलग हुए लोगों को ‘शरारती’ मानते हैं शरद पवार!, चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा- कोई विवाद नहीं

शरद पवार ने चुनाव आयोग को ये भी लिखा है कि बिना कानूनी अधिकार के अजित पवार गुट ने एनसीपी पर दावा किया है। इस चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है कि कुछ शरारती लोगों ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की वजह से दलबदल किया।

मुंबई। एनसीपी छोड़कर जाने वाले अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और अन्य नेता ‘शरारती लोग’ हैं! सुनकर आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन एबीपी न्यूज के मुताबिक एनसीपी के संस्थापक नेता शरद पवार की तरफ से चुनाव आयोग को यही बताया गया है। न्यूज चैनल के मुताबिक एनसीपी पर कब्जे की भतीजे अजित पवार गुट के साथ जंग में शरद पवार ने चुनाव आयोग में अपने पक्ष में दाखिल जवाब में साथ छोड़कर जाने वालों को शरारती लोग बताया है। न्यूज चैनल के मुताबिक शनिवार को शरद पवार ने चुनाव आयोग में एनसीपी अपनी होने के पक्ष में जो प्रत्यावेदन दिया, उसमें कहा कि कुछ शरारती लोगों के छोड़कर चले जाने के अलावा एनसीपी में कोई विवाद नहीं है।

sharad ajit ec

शरद पवार के एनसीपी गुट की तरफ से भी कहा गया है कि चुनाव आयोग ने अजित पवार की तरफ से दाखिल अर्जी पर जवाब मांगा था। इस पर शरद गुट की तरफ से प्रारंभिक जवाब दे दिया गया है। एबीपी न्यूज के मुताबिक चुनाव आयोग को भेजी चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है कि वो अजित पवार के विरोधाभासी रुख को साबित कर रहे हैं। शरद पवार ने चुनाव आयोग को ये भी लिखा है कि बिना कानूनी अधिकार के अजित पवार गुट ने एनसीपी पर दावा किया है। इस चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है कि कुछ शरारती लोगों ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की वजह से दलबदल किया। संगठन अपनी जगह एक है और पार्टी अध्यक्ष यानी शरद पवार के साथ मजबूती से खड़ा है।

ajit pawar 2

इससे पहले अजित पवार के गुट की तरफ से एनसीपी अपनी होने का दावा करने वाला पत्र और संबंधित सबूत चुनाव आयोग में सौंपे गए थे। तब अजित पवार गुट ने लिखा था कि संगठन के नियमों और कानून के तहत ही वो दावा कर रहे हैं। अजित पवार ने अपने पक्ष के सांसदों और विधायकों के दस्तखत वाले हलफनामे भी चुनाव आयोग को दिए हैं। इस साल जुलाई में अजित पवार, एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष में से एक प्रफुल्ल पटेल और कद्दावर नेता छगन भुजबल समेत 9 लोग अलग हो गए थे। फिर अजित पवार ने महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ ली थी। जबकि, छगन भुजबल समेत 7 अन्य भी मंत्री बने थे।