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ZPM Wins Mizoram Assembly Election 2023: मिजोरम में विपक्षी जेडपीएम को बहुमत, एमएनएफ अध्यक्ष और सीएम जोरमथंगा हारे; कांग्रेस की भी दुर्गति

इस बार एमएनएफ, कांग्रेस और जेडपीएम ने सभी 40 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। बीजेपी ने सिर्फ 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ा। कांग्रेस को जोर का झटका लगा है। वहीं, बीजेपी को पिछली बार से 1 सीट ज्यादा मिली है। तेलंगाना के बाद मिजोरम ऐसा दूसरा राज्य है, जहां सिटिंग सीएम को हार का सामना करना पड़ा है।

आइजोल। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद अब मिजोरम में विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी जेडपीएम की सरकार बनने जा रही है। जेडपीएम ने मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों में से 27 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। एमएनएफ के अध्यक्ष और मौजूदा सीएम जोरमथंगा के हारने की खबर है। खबर लिखे जाने तक जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के उम्मीदवार 3 सीटों पर आगे चल रहे थे और 7 सीट पर जीत चुके थे। बीजेपी ने इस बार पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए मिजोरम में 2 विधानसभा सीट जीती हैं। 3 राज्यों के बाद कांग्रेस की मिजोरम में भी दुर्गति हुई है। यहां उसका 1 प्रत्याशी ही जीता है। जबकि, राहुल गांधी ने दावा किया था कि मिजोरम में भी कांग्रेस की सरकार इस बार बनेगी। साल 2018 में एमएनएफ ने मिजोरम में 26 सीट हासिल की थीं। कांग्रेस को 5, जेडपीएम को 8 और बीजेपी को 1 सीट मिली थी। इस बार एमएनएफ, कांग्रेस और जेडपीएम ने सभी 40 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। बीजेपी ने सिर्फ 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ा। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना के बाद मिजोरम ही ऐसा दूसरा राज्य है, जहां सिटिंग सीएम को हार का सामना करना पड़ा है।

आज सुबह 8 बजे से मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों पर पड़े वोटों की गिनती शुरू हुई। मिजोरम में 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी। मिजोरम में 7 नवंबर को 80.66 फीसदी वोटरों ने वोट डाले थे। मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर 18 महिलाओं समेत 174 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। इनमें कई दिग्गज नेता हैं।

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एमएनएफ के अध्यक्ष और मिजोरम के मौजूदा सीएम जोरमथंगा।

मौजूदा सीएम और मिजो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष जोरमथंगा ने राजधानी आइजोल की पूर्व-1 सीट से चुनाव लड़ा था। उनके खिलाफ जेडपीएम के उपाध्यक्ष लालथन सांगा उतरे थे। अन्य दिग्गज नेताओं की बात करें, तो जेडपीएम के अध्यक्ष लालदुहोमा ने सेरछिप सीट से चुनाव लड़ा। उनको एमएनएफ के जे. माल्सावमजुअल वाचावंग और कांग्रेस के आर. वानलालट्लुआंगा ने चुनौती दी थी।आइजोल पश्चिम-3 सीट पर जेडपीएम के वीएल जैथनजामा, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष लालसावता और एमएनएफ प्रत्याशी के. सोमावेला रहे।

जेडपीएम के अध्यक्ष लालडुहोमा।

मिजोरम की हच्छेक सीट पर एमएनएफ के प्रत्याशी और खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे का मुकाबला कांग्रेस के लालरिंडिका से था। जेडपीएम की तरफ से के.जे. लालबियाकनघेटा ने भी हच्छेक सीट पर किस्मत आजमाई। इस बार के ज्यादातर एक्जिट पोल में कहा गया था कि जेडपीएम से सत्तारूढ़ एमएनएफ को दिक्कत होने वाली है। एक्जिट पोल के नतीजे बता रहे थे कि जेडपीएम को मिजोरम में सत्ता मिलेगी। हालांकि, सीएम जोरमथंगा ने एमएनएफ की जीत का दावा किया था। अब जेडपीएम के बहुमत हासिल करने से साफ हो गया है कि एक्जिट पोल के नतीजे मिजोरम में सटीक बैठे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव हारने से मौजूदा सीएम जोरमथंगा को जोर का झटका लगा है।