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Modi Shapes Sports: यूं ही नहीं पैरालिंपिक में बरस रहे मेडल, खिलाड़ी खुद बता रहे हैं PM मोदी ने किस तरह दिया ध्यान

Modi Shapes Sports: मोदी ने महिला हॉकी खिलाड़ियों की भी पीठ थपथपाई। उन्हें फिर से हॉकी को गौरव दिलाने के लिए सम्मान दिया। सबसे बड़ी बात, खेल रत्न पुरस्कार को उन्होंने मशहूर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का नाम दिया। क्या इससे पहले ये सबकुछ कभी हुआ ? इस सवाल पर मोदी विरोधियों की जुबान पर ताला लगा हुआ है। वे तो बस इसी का रोना रो रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम क्यों हटाया।

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक हो या पैरालिंपिक। भारत के लिए मेडल बरस रहे हैं। खिलाड़ी अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करते जा रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है और राष्ट्रगान की धुन बज रही है। ये नजारा टोक्यो का है। पहले ओलंपिक और अब पैरालिंपिक। भारत के खिलाड़ियों ने इतने मेडल जीते, जितने कभी नहीं हासिल किए थे। इसकी वजह क्या है। वजह सिर्फ एक है। पीएम नरेंद्र मोदी का खेल के प्रति नजरिया। इंडिया फर्स्ट की उनकी सोच। ये हम नहीं लिख रहे। खिलाड़ी खुद कह रहे हैं। मेडल जीते या नहीं, हर खिलाड़ी कह रहा है कि मोदी और सरकार ने उनके लिए जो किया, वो किसी और पीएम ने कभी नहीं किया। बेहतरीन खाना, अच्छी रहने की व्यवस्था, विदेश में ट्रेनिंग। हर वो चीज मोदी ने खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई, जो पहले की सरकारों में मिलना मुश्किल थी। नतीजे में मेडल आ रहे हैं। देश का गौरव स्पोर्ट्स में भी बढ़ रहा है।

PM Modi Somnath
जरा टोक्यो पैरालिंपिक में हाई जम्प का ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले शरद कुमार की बात सुन लीजिए। वह 2008 से खेल रहे हैं। शरद कुमार की बात सुनकर आपको पता चल जाएगा कि पहले की सरकारों और मोदी सरकार में खेल के प्रति क्या नजरिया है। शरद ने बताया कि पहले की सरकारें खिलाड़ियों और खासकर पैरालिंपिक खिलाड़ियों के बारे में सोचती ही नहीं थीं, लेकिन मोदी सरकार के दौरान जो उपकरण चाहे, जो ट्रेनर मांगा वो सबकुछ मिला।


सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही मोदी की तारीफ नहीं कर रहे। विदेशी खिलाड़ी जब सुनते हैं कि मेडल जीतने वालों और बाकी खिलाड़ियों से खुद बात कर मोदी उनका हौसला बढ़ाते हैं, तो वे भी मोदी की तारीफ के पुल बांधते नहीं थकते। ब्रॉन्ज मेडेलिस्ट शरद कुमार ने बताया कि कैसे एक अमेरिकी खिलाड़ी ने उनसे कहा कि मेडल जीतने से भी महत्वपूर्ण है कि आपके पीएम आपसे सीधे बात कर हौसला बढ़ाते हैं।
टोक्यो ओलंपिक में पहली बार भारत ने एथलेटिक्स का मेडल जीता। वो भी गोल्ड। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने ये उपलब्धि हासिल की। मीडिया ने पूछा कि भाई, ये करिश्मा कैसे कर दिया ? नीरज ने इसके लिए मोदी और सरकार को धन्यवाद दिया। बताया कि किस तरह उनके खेल को निखारने के लिए दोनों ने अपने स्तर से रुचि ली। वजन उठाकर सिल्वर जीतने वाली मीराबाई चानू समेत बाकी खिलाड़ी भी यही कहते नजर आए। बजरंग पुनिया के पिता किसान आंदोलन का हिस्सा हैं, लेकिन बजरंग ने भी कहा कि मोदी सरकार ने खेलों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए काम किया है।

https://www.youtube.com/watch?v=Sbhlp_wdgRA&feature=youtu.be

टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों और उनके परिजनों से पीएम मोदी ने खुद बातचीत की। हौसला बढ़ाया। मेडल जीतकर लौटे या खेल को नई दिशा दी, तो उनसे मिले। अपने वादे निभाए। पीवी सिंधू को वादे के मुताबिक आइसक्रीम खिलाई। नीरज चोपड़ा को उनका पसंदीदा चूरमा परोसा। मोदी ने महिला हॉकी खिलाड़ियों की भी पीठ थपथपाई। उन्हें फिर से हॉकी को गौरव दिलाने के लिए सम्मान दिया। सबसे बड़ी बात, खेल रत्न पुरस्कार को उन्होंने मशहूर हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का नाम दिया। क्या इससे पहले ये सबकुछ कभी हुआ ? इस सवाल पर मोदी विरोधियों की जुबान पर ताला लगा हुआ है। वे तो बस इसी का रोना रो रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम क्यों हटाया।