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Moody’s Rating For India: ‘राजनीतिक असंतोष हुआ तो…’, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के आर्थिक विकास को लेकर दी ये गंभीर चेतावनी

मूडीज ने कहा है कि भारत का वित्तीय क्षेत्र लगातार ताकतवर हो रहा है। इससे आर्थिक और देयता के जोखिम काफी कम हुए हैं। मूडीज के अनुसार वैश्विक और घरेलू ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से भारत पर ऊंचे कर्ज का बोझ और कमजोर लोन सामर्थ्य के जोखिम बढ़े हैं। फिर भी रेटिंग एजेंसी ने भारत के लिए आशा जताई है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाले हैं। चुनावों में 7 महीने का वक्त बचा है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के आर्थिक विकास को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। मूडीज ने भारत की बीएए3 रेटिंग बनाए रखी है। मूडीज के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर है, लेकिन घरेलू राजनीतिक जोखिम और राजनीतिक असंतोष से अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है। मूडीज ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा है कि विदेशी मुद्रा जारी करने की रेटिंग और स्थानीय मुद्रा असुरक्षित रेटिंग में भारत बीएए3 पर है। वहीं, बाकी अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग पी3 है। मूडीज के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय मानक के मुताबिक तेजी से बढ़ने की संभावना बनी हुई है।

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मूडीज ने साथ ही अपने बयान में कहा है कि भारत में पिछले 7 से 10 साल में संभावित आर्थिक वृद्धि कम हुई है। मूडीज ने कहा है कि भारत का वित्तीय क्षेत्र लगातार ताकतवर हो रहा है। इससे आर्थिक और देयता के जोखिम काफी कम हुए हैं। मूडीज के अनुसार वैश्विक और घरेलू ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से भारत पर ऊंचे कर्ज का बोझ और कमजोर लोन सामर्थ्य के जोखिम बढ़े हैं। मूडीज का कहना है कि फिलहाल ये हालत बनी रहेगी। मूडीज ने ये भी कहा है कि जीडीपी में बढ़ोतरी से आय का स्तर और आर्थिक लचीलापन और बढ़ेगा।

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इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीती 10 अगस्त को कहा था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने के आसार हैं। इससे पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी दफ्तर ने बताया था कि 2022-23 के वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी में 6.1 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई थी। पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीडीपी में 4.4 फीसदी की वृद्धि देखी गई। जबकि, चौथी तिमाही में 5.5 फीसदी की दर से जीडीपी बढ़ने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, पूरे 2022-23 के वित्तीय वर्ष के लिए भारत की जीडीपी 7.2 फीसदी आंकी गई थी। इससे पहले 2012 में भारत की जीडीपी 9.1 फीसदी रही थी।