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Madhya Pradesh: ‘Indian Variant’ पर कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं, BJP की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने उठाया बड़ा कदम

Madhya Pradesh: भोपाल में जिला इकाई द्वारा एमपी नगर स्थित क्राइम ब्रांच में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने का शिकायती पत्र प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा। भाजपा की शिकायत पर भोपाल की अपराध शाखा ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कोरोना को इंडियन वेरिएंट बताए जाने के बयान को भाजपा ने भारत की छवि बिगाड़ने के साथ देश-विरोधी बताते हुए पुलिस में शिकायत की। इस शिकायत की जांच के बाद पुलिस की अपराध शाखा ने कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। वहीं कमलनाथ का कहना है कि वे डरने वाले नहीं है। अंतिम सांस तक जनता के लिए लड़ेंगे। भाजपा ने राज्य के अनेक स्थानों पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने आवेदन दिया। भोपाल में जिला इकाई द्वारा एमपी नगर स्थित क्राइम ब्रांच में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने का शिकायती पत्र प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा। भाजपा की शिकायत पर भोपाल की अपराध शाखा ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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प्रतिनिधिमंडल ने शिकायती ज्ञापन में कहा कि कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 22 मई शनिवार को कहा कि “दुनिया में जो कोरोना फैला हुआ है, अब उसे इंडियन वेरिएंट कोरोना” के नाम से जाना जा रहा है। कमल नाथ ने यह भी कहा कि कई देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कोरोना को इंडियन वेरिएंट के नाम से पुकार रहे हैं। ऐसे समय में कमल नाथ का यह बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे और देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निदेशरें का भी उल्लंघन किया है। कमल नाथ का यह कृत्य भारतीय दंड विधान के अनुसार राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।

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कमलनाथ ने कहा, इन्हें लज्जा नहीं आती..हम जनता की लड़ाई अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे.. ना हम डरने वाले है ना दबने वाले हैं। उन्होंने आगे कहा कि “मैं आज फिर अपनी बात को दोहराते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मांग करता हूं कि आपके द्वारा कोरोना से मृत्यु होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की जो घोषणा की गयी थी वो राशि अपर्याप्त है, उसे बढ़ाकर तत्काल पांच लाख रुपये किया जाए। साथ ही प्रदेश में मौतों का सरकारी आंकड़ा काफी कम है।”