नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी लगातार चौंकाने वाले फैसले करती है। ऐसा ही एक फैसला सोमवार रात को हुआ। बीजेपी ने यूपी से राज्यसभा की बची दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान तो किया, लेकिन मोदी सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और बीजेपी प्रवक्ता जफर इस्लाम को दोबारा टिकट नहीं दिया। कांग्रेस से आए और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दोस्त आरपीएन सिंह को भी टिकट नहीं दिया गया। चर्चा ये है कि मुख्तार अब्बास नकवी को बीजेपी अब रामपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उतार सकती है। जबकि, आरपीएन सिंह को भी किसी खाली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
नकवी और जफर की जगह बीजेपी ने जो दो टिकट दिए हैं, उनमें से एक शाहजहांपुर के दलित नेता मिथिलेश कुमार को मिला है। वे सपा से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। मिथिलेश की पत्नी भी सपा से दो बार विधायक रही हैं। मिथिलेश 2019 में बीजेपी में आए थे। दूसरा टिकट तेलंगाना के डॉक्टर के. लक्ष्मण को मिला है। वो तेलंगाना में बीजेपी अध्यक्ष रहे हैं और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। फिलहाल लक्ष्मण बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष हैं। इससे पहले बीजेपी ने 6 प्रत्याशियों के नाम का एलान किया था। सिर्फ सुरेंद्र नागर को बीजेपी ने पहली लिस्ट में रिपीट किया था। उसने शिवप्रताप शुक्ल, संजय सेठ, जयप्रकाश निषाद और जफर इस्लाम को टिकट नहीं दिया था।
अगर मुख्तार अब्बास नकवी को बीजेपी रामपुर लोकसभा सीट से उतारती है, तो वो सपा के नेता आजम खान की विरासत को टक्कर देंगे। माना जा रहा है कि आजम की पत्नी तंजीन फातिमा को सपा रामपुर से लोकसभा उपचुनाव में उतारेगी। आजम खान पिछली बार यहां से सांसद बने थे और यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के विधायक चुने जाने के बाद रामपुर की सीट खाली की है। नकवी भी रामपुर के ही हैं और राज्यसभा के ही सदस्य रहते आए हैं।