नई दिल्ली। लोगों में अब यह जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि आखिर कर्नाटक का सीएम कौन बनने जा रहा है? कांग्रेस किसे इस पद की बागडोर देने जा रही है? इस सिलसिले में बैठकों का दौर जारी है। चर्चाएं भी खूब हो रही हैं। कयास भी बहुत लगाए जा रहे हैं। दावे भी बेशुमार किए जा रहे हैं। लेकिन पुख्ता तौर पर अभी तक सब यह बताने से बच रहे हैं कि आखिर कर्नाटक का अगला सीएम कौन होगा? सिद्धारामैया या डीके शिवकुमार? हालांकि, दोनों नामों को लेकर वकालत का दौर भी जारी है। कोई डीके की वकालत कर रहा है, तो कोई सिद्धारामैया की। लेकिन पार्टी किस पर भरोसा जताती है। यह देखना दिलचस्प रहेगा। विगत रविवार को विधायक दल की बैठक में राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को यह जिम्मेदारी दी गई कि वो दोनों चेहरों मे से किसी एक पर अपनी सहमति व्यक्त कर शीर्ष नेतृत्व को इसकी जानकारी साझा करें। लेकिन इस बीच डीके शिवकुमार ने जो बयान दिया है, उसे लेकर कर्नाटक कांग्रेस में खलबली का आलम है।
दरअसल, डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्हें किसी के भी सपोर्ट की आवश्यकता नहीं है, उनके पास 135 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उनके इस बयान के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ ने तो यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि कहीं वो अपनी राह ही अलहदा ना कर लें, वैसे भी सियासत और क्रिकट में कब क्या हो जाएगा, कह पाना मुश्किल है। ऐसे में अब उनके इस बयान को कई पहलुओं से देखा जा रहा है।
वहीं, आज (सोमवार) डीके दिल्ली शीर्ष नेतृत्व से मिलने के लिए आने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपने पेट में संक्रमण का हवाला देकर आने में असमर्थता जताई, लेकिन अब माना जा रहा है कि वो कल तक दिल्ली आ सकते हैं। कल खड़गे के नेतृत्व में बैठक भी है। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान ही यह फैसला लिया जाएगा कि पार्टी किसे सूबे की कमान सौंपती है।