newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

संसद में हंगामे की वजह से रूके कामकाज को निपटाने के लिए मोदी सरकार ने लिया है यह बड़ा फैसला

संसद में जारी हंगामे को देखते हुए मोदी सरकार ने बजट सत्र में सभी मंत्रालयों को अनुदान मांगों को पारित करने के लिए ‘गिलोटिन’ का फैसला किया है।

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा के बाद से शुरू हुआ बजट सत्र का अंतिम सेशन लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। इस हंगामे की वजह से मोदी सरकार के कई काम अटके पड़े हैं कई अध्यादेशों पर अभी तक फैसला नहीं लिया जा सका है वहीं सभी मंत्रालयों को बजट में जो अनुदान दिया गया है उसको भी पास करना है। ऐसे में संसद में जारी हंगामे को देखते हुए मोदी सरकार ने बजट सत्र में सभी मंत्रालयों को अनुदान मांगों को पारित करने के लिए ‘गिलोटिन’ का फैसला किया है। यह फैसला सरकारें पहले भी करती रही हैं।

Prime minister Narendra Modi with Defence Minister Rajnath Singh, BJP working president JP Nadda, and other MPs

सरकार को तीन अप्रैल से पहले बजट पारित कराना है। 16 मार्च को लोकसभा में गिलोटिन होगा। इस तरह राज्यसभा के लिए 14 दिन और मिल जाएंगे। इस बीच सरकार को दो अध्यादेश भी पारित कराना है। सरकार का दावा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।

Prime Minister Narendra Modi takes oath

यूपीए-2 के समय भी हंगामे के बीच 18 बिल पारित कराए गए थे। सरकार ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा का प्रस्ताव रखा है। सोमवार और मंगलवार को होली के कारण संसद की छुट्टी है।

आखिर ये ‘गिलोटिन’ क्या है…

पूराने समय में यूरोपीय देशों में एक ‘गिलोटिन’ का एक तरह का यंत्र हुआ करता था जिसका इस्तेमाल मौत की सजा में होता है। लेकिन बाद में इस शब्द को कई अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल होने लगा है। भारतीय संविधान में बजट सत्र में मंत्रालयों के अनुदान मांगों को बिना चर्चा के पारित कराने की प्रक्रिया को ‘गिलोटिन’ कहा जाता है। वहीं सामान्य प्रक्रिया में मंत्रालयों के अनुदान मांगों पर चर्चा होती है इसके बाद सदन इसको संशोधन या इसके बिना पारित कर देता है। लेकिन भारत में कई मंत्रालय हैं ऐसे में सभी पर चर्चा होना संभव नहीं इसलिए ऐसे में जिन मांगों पर चर्चा नहीं हो पाती है उस पर मतदान कराकर पारित कर दिया है जिसे गिलोटिन कहा जाता है।

Prime Minister of Narendra Modi addresses a joint sitting of parliament

वहीं लोकसभा में हंगामे की वजह से कांग्रेस के सात सांसदों के निलंबन पर सरकार अडिग है। सूत्रों ने कहा कि अगर अपने असंसदीय आचरण के लिए क्षमा भी मांग लें, तब भी निलंबन वापस नहीं होगा। वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर विचार हो रहा है। माना जा रहा है कि घटनाक्रम की जांच के लिए बनी समिति सदस्यता खत्म करने पर विचार कर सकती है। गोगोई पर आरोप है कि उन्होंने आसन से काग़ज़ छीन कर फाड़ दिए।