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Big Action: देवबंद के दारुल उलूम पर चला राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग का हंटर, वेबसाइट से 9 फतवे हटवाए; जांच के आदेश

दारुल उलूम की ओर से कई फतवे बच्चों के बारे में दिए गए थे। इन फतवों में से एक में ये कहा गया था कि बच्चे को मुसलमान दंपति की ओर से गोद तो लिया जा सकता है, लेकिन उसे खुद के बच्चे जैसा हक नहीं दिया जा सकता। ऐसे ही कई और फतवे भी थे।

देवबंद। अपने फतवों के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के देवबंद में स्थित इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग NCPCR का हंटर चला है। ये कार्रवाई फतवों की वजह से हुई है। दरअसल, दारुल उलूम की ओर से कई फतवे बच्चों के बारे में दिए गए थे। इन फतवों में से एक में ये कहा गया था कि बच्चे को मुसलमान दंपति की ओर से गोद तो लिया जा सकता है, लेकिन उसे खुद के बच्चे जैसा हक नहीं दिया जा सकता। ऐसे ही कई और फतवे भी थे। इनके खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग से शिकायत की गई थी। आयोग ने इस पर यूपी सरकार और सहारनपुर के डीएम को जांच के लिए लिखा था। डीएम ने जांच के बाद फतवों के मामले में सख्त कार्रवाई की है।

dm akhilesh singh

सहारनपुर के डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि आयोग के आदेश पर दारुल उलूम के प्रबंधन को शनिवार को नोटिस जारी किया गया और कई फतवों के लिंक को वेबसाइट से हटाने का आदेश दिया गया। वेबसाइट को फिलहाल पूरी तरह बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। कानूनी सलाहकारों से इस बारे में राय ली जा रही है। अगर बच्चों से जुड़े किसी कानून का उल्लंघन हुआ, तो आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दारुल उलूम के सूत्रों ने बताया कि डीएम की ओर से भेजे गए नोटिस का जवाब दिया गया है। जवाब में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के अंश भी दिए गए हैं। जवाब में कहा गया है कि व्यक्तिगत सवालों के जवाब दिया जाना फतवा नहीं माना जा सकता।

darul uloom

संस्था के जिम्मेदारों के मुताबिक डीएम की ओर से आदेश आया था कि कई फतवों के लिंक संस्था की वेबसाइट से हटाए जाएं। जांच होने तक इन लिंक को हटाने का आदेश है। डीएम के आदेश के बाद 9 फतवों के लिंक हटाए भी गए हैं। बता दें कि दारुल उलूम के फतवों पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है कि संस्था के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। दारुल उलूम दुनियाभर में प्रसिद्ध है और विदेश से भी छात्र यहां इस्लामी शिक्षा लेने के लिए आते हैं।