नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन के जांच के आदेश दिए है। बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन में फंडिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। जिसके बाद आज गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यह फैसला लिया है। राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 21 जून 1991 को हुई थी। यह फाउंडेशन कई मुद्दों पर काम करता है, जिसमें साक्षरता, स्वास्थ्य, विकलांगता, वंचितों के सशक्तीकरण, आजीविका और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन शामिल हैं। इसका वर्तमान फोकस क्षेत्र शिक्षा, विकलांगता और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन हैं।
इसके साथ गृह मंत्रालय की ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जो कि इन फाउंडेशन की फंडिंग, इनके द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच करेगी। बता दें कि इस कमेटी की अगुवाई प्रवर्तन निदेशालय के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई।
ट्वीट में बताया गया कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी। इस जांच में पीएमएए एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट, FCRA एक्ट के नियमों के उल्लंघन की जांच की जाएगी। कमेटी की अगुवाई ईडी के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे।
MHA sets up inter-ministerial committee to coordinate investigations into violation of various legal provisions of PMLA, Income Tax Act, FCRA etc by Rajiv Gandhi Foundation, Rajiv Gandhi Charitable Trust & Indira Gandhi Memorial Trust.
Spl. Dir of ED will head the committee.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) July 8, 2020
आपको बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बोर्ड के सदस्य हैं। हाल ही में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कांग्रेस और गांधी परिवार को निशाना बनाते हुए दावा किया गया है कि चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चंदा दिया था, जिसके बाद केंद्र ने अब यह कदम उठाया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी फंड को लेकर खड़े किए थे कांग्रेस पर सवाल
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूपीए के समय प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (पीएमएनआरएफ) का पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को डोनेट किया गया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा कहा, ‘संकट में लोगों की मदद करने के लिए बना पीएमएनआरएफ, यूपीए के कार्यकाल में राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था। पीएमएनआरएफ बोर्ड में कौन बैठा? सोनिया गांधी। राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता कौन करता है? सोनिया गांधी, यह पूरी तरह से निंदनीय है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत के लोगों ने जरूरतमंदों की मदद करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई को पीएमएनआरएफ को दान कर दिया। इस सार्वजनिक धन को परिवार चलाने की बुनियाद में इस्तेमाल करना न केवल एक संगीन धोखाधड़ी है, बल्कि भारत के लोगों के लिए एक बड़ा धोखा भी है।’
रविशंकर प्रसाद भी बोले राजीव गांधी फांउडेशन को ड्रैगन से मिलता रहा फंड
भारत और चीन के मसले पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग चल रही है। लगातार बयानबाजी हो रही है और इस बीच गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने चीन के सामने घुटने टेक रखे थे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजीव गांधी फांउडेशन से चीन को डोनेशन मिला। इसके साथ ही प्रसाद ने कांग्रेस से कई और सवाल पूछे।
बीजेपी की ओर से रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि चीन राजीव गांधी फांउडेशन को लगातार फंड मुहैया कराता रहा है। इस संबंध में उन्होंने कई दस्तावेजों का भी हवाला दिया।
आपको बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और इसके बोर्ड में डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पी. चिदंबरम और प्रियंका गांधी हैं।
राजीव गांधी फाउंडेशन की वार्षिक रिपोर्ट (2005-06) में यह स्पष्ट है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइन के दूतावास से फंडिंग हुई। जानकारी के मुताबिक इस फंडिंग का नतीजा ये रहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बारे में कई स्टडी की और इसे जरूरी बताया।
भारत और चीन को लेकर राजीव गांधी फाउंडेशन की स्टडी के नतीजे भी चौंकानेवाले थे। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि चीन से ज्यादा भारत को मुक्त व्यापार समझौते की जरूरत है और भारत को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के प्रयास के तौर पर इसे लागू करना चाहिए । ऐसा तब कहा जा रहा था जबकि चीन असंतुलित व्यापार की वजह पहले से ही भारत की तुलना बहुत अधिक फायदे में था।
भाजपा ने सवाल उठाया कि क्या राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए की फंडिंग का इससे कुछ संबंध है? साथ ही यह सवाल उठना भी स्वभाविक है कि कहीं चीन के साथ एफटीए के लिए यह लॉबिंग तो नहीं ? व्यापार घाटे को 2003-04 और 2013-14 के बीच 33 गुना करने की अनुमति है? क्या इस फंडिंग का 2008 में कांग्रेस पार्टी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच समझौते का कोई संबंध है? CCP के साथ अपने संबंधों पर कांग्रेस पार्टी भारत से कौन सी अन्य बातें छिपा रही है?