नई दिल्ली। अब तक किसी की आवाज नहीं निकल रही थी, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की बात मान ली, तो अब सरकार चला रहे एनडीए गठबंधन से भी कई मांगें उठने लगी हैं। इन मांगों में मुख्य रूप से सीएए कानून को वापस लेने और जातिगत जनगणना कराना है। सूत्रों के मुताबिक रविवार को एनडीए की बैठक के दौरान सहयोगियों ने इन मांगों को सामने रखा। एनपीपी की सांसद अगाथा संगमा ने जहां सीएए कानून को वापस लेने की मांग की, वहीं जेडीयू समेत कुछ सहयोगी दलों ने जातिगत जनगणना कराने की मांग रखी। अपना दल और आरपीआई अठावले ने भी जातिगत जनगणना कराने की मांग का समर्थन किया। बता दें कि सरकार ने पहले ही कहा है कि वो जातिगत जनगणना नहीं कराएगी। एनडीए के अलावा विपक्षी सपा और बीएसपी भी जातिगत जनगणना पर जोर दे रही हैं। सरकार के भीतर से उठ रहे विरोधी सुरों के अलावा मोदी के सामने विपक्ष की भी चुनौती बनी हुई है।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी सरकार को विपक्ष पेगासस, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों पर घेर रहा है। इसके अलावा चीन से टकराव भी विपक्ष के लिए मोदी सरकार के खिलाफ हथियार बना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि सरकार चीन के मसले पर झूठ बोल रही है कि उसने हमारी जमीन नहीं हड़पी है। इसी तरह पेगासस के मसले पर विपक्ष ने बीते संसद सत्र में जमकर हंगामा किया था।
अगले साल यूपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्ष की ओर से संसद में मोदी सरकार को इन राज्यों के मुद्दों पर भी घेरने का मौका है। माना जा रहा है कि यूपी और पंजाब के मसलों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच संसद में टकराव देखा जा सकता है। ऐसे में संसद का ये सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार दिख रहे हैं।