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Video: ‘नबी की शान में गुस्ताखी कभी बर्दाश्त नहीं’, देखिए नफरत से भरी ये वीडियो, दिखाया गया है कि कैसे नूपुर का सिर कमल….

अब सवाल यह है कि आखिर कौन हैं, वो लोग, जो इन जिहादी मानसिकता वाले लोगों को तैयार कर रहे हैं। हम सभी ने देखा है कि कैसे उदयपुर की घटना के बाद मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोग सामने आकर इस निर्मम घटना की मजम्मत करते हैं और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की ताकिद करते हैं और तो और यह भी कहने से गुरेज नहीं करते हैं कि आखिर इस तरह की निर्मम घटना कभी- भी इस्लाम का प्रतीक नहीं हो सकती है।

नई दिल्ली। नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के उपरांत जिस तरह चौतरफा लोगों को अमानवीय चेहरा उजागर हो रहा है, उसने एक बात स्पष्ट कर दी है कि कल तक जो हर मसले पर संविधान का हवाला दिया करते थे, असल में इन लोगों को संविधान पर तनिक भी भरोसा नहीं है, अगर होता है, तो नूपुर शर्मा के विवादास्पद टिप्पणी के विरुद्ध न्यायपालिका का रुख करते हैं, न की इस तरह से निर्मम घटनाओं को अंजाम देते। हमने देखा अमरावती से लेकर उदयपुर में जो कुछ भी हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बेशक, पुलिस समेत अन्य जांच एजेंसियां इस पूरे मामले में एक्शन लेते हुए सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है और इन खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा खाका खींचा जा चुका है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात है कि जिस जिहादी मानसिकता से ग्रसित होने की वजह से इन वीभत्स घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, वह निसंदेह भयावह है। जिस तरह से उदयपुर की बर्बर घटना को हम सभी ने देखा कि कैसे हत्यारे टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद वीडियो बनाकर लोगों को सूचित करते हैं कि काम हो चुका है, और तो और पीएम मोदी को भी जान से मारने की धमकी देते हैं, वह यकीनन भयावह है।

udaipur murderers

अब सवाल यह है कि आखिर कौन हैं, वो लोग, जो इन जिहादी मानसिकता वाले लोगों को तैयार कर रहे हैं। हम सभी ने देखा है कि कैसे उदयपुर की घटना के बाद मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोग सामने आकर इस निर्मम घटना की मजम्मत करते हैं और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की ताकिद करते हैं और तो और यह भी कहने से गुरेज नहीं करते हैं कि आखिर इस तरह की निर्मम घटना कभी- भी इस्लाम का प्रतीक नहीं हो सकती है। यह लोग कभी-भी मुस्लिम नहीं हो सकते हैं। इस्लाम कभी किसी की हत्या करना नहीं सिखाता है। अगर किसी के बयान से आपकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है, तो निसंदेह आप न्यायपालिका का रूख करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां सवाल यह है कि आखिर जब हमारे यहां के प्रबुद्ध मुस्लिम समाज के लोग आगे आकर इन घटनाओं की निंदा करते हैं, तो आखिर  इन जिहादी मानसिकता वाले लोगों को कौन तैयार कर रहे हैं। आखिर कौन तैयार कर रहे हैं, इन लोगों को तंत्र है।   आखिर कौन है, जो धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है।

इसी बीच एक ऐसा ही वीडियो प्रकाश में आया है,  जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे मुस्लिम समुदाय के युवाओं को धर्म के नाम पर बरगलाने की कोशिश की जा रही है। इस वीडियो से साफ जाहिर होता है कि कैसे मुस्लिम युवाओं के जेहन में दूसरे मजहबों के लोगों खिलाफ जेहन में जहर भरने की कोशिश की जा रही है। आप वीडियो में देख सकते हैं कि विध्वंसक तरीके से मुस्लिम युवाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। बहरहाल, आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ  कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।  उधर , अगर नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी की बात करें, शीर्ष अदालत उनके उक्त बयान पर तल्ख टिप्पणी कर चुका है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि इस देश में कानून व्यवस्था है, जिसमें किसी भी मसले से निपटने की पूरी रूपरेखा तय है।