नई दिल्ली। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच तनातनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने समय से पहले ही अपना रिटायरमेंट ले लिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने उनको मंगलवार को दिल्ली आकर नॉर्थ ब्लाक स्थित दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा था। उनके रिटायरमेंट के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया है। वहीं अब खबर है कि केंद्र सरकार ने ममता के करीबी अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ एक्शन लिया है। बता दें कि विवाद उस वक्त बढ़ा जब हाल ही में पीएम मोदी ने तूफान प्रभावित पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बंगाल की ममता बनर्जी और उनके करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव अलापन बंद्दोपाध्याय भी 30 मिनट देरी से पहुंचे थे।
इसी क्रम में अब केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि अलपन ने मुख्य सचिव के रूप में तीन महीने का सेवाविस्तार छोड़कर सेवानिवृत्त होने का फैसला केंद्र की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए ही किया।
बता दें कि इससे पहले सोमवार को बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र सरकार के आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बन्दोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है।