मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मोदी सरनेम मामले में उनको सूरत के कोर्ट से 2 साल की सजा हुई। इस सजा की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई। अब राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में एक और केस की सुनवाई शुरू हो गई है। ये मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ा है। दरअसल, साल 2014 में राहुल गांधी ने कथित तौर पर एक बयान में कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस का हाथ है। इसी मामले में उनके खिलाफ राजेश कुंटे नाम के आरएसएस कार्यकर्ता ने केस किया था। शनिवार को भिवंडी कोर्ट में राहुल गांधी के वकीलों ने बताया कि कौन-कौन कांग्रेस नेता की तरफ से कोर्ट में पेश होगा।
भिवंडी के कोर्ट ने केस की सुनवाई के पहले दिन राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत देने वाले राजेश कुंटे का बयान भी दर्ज किया। राजेश कुंटे 1 जुलाई की सुनवाई में भी अपना बयान दर्ज कराएंगे। उन्होंने शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के महात्मा गांधी और आरएसएस पर दिए बयान की एक डीवीडी भी कोर्ट को दी है। कुंटे के वकील ने इसके अलावा कोर्ट में कई नए दस्तावेज भी अपने समर्थन में सौंपे। वहीं, राहुल गांधी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि उनको इन दस्तावेजों की प्रतियां नहीं मिली हैं। इसके बाद उनको कुंटे के वकील ने प्रतियां सौंपीं। राजेश कुंटे का आरोप है कि राहुल ने महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस का हाथ होने संबंधी झूठा बयान दिया। इससे आरएसएस की छवि को नुकसान पहुंचा है।
राहुल गांधी को मानहानि के ही मामले में सजा सुनाई गई थी। तब उन्होंने कर्नाटक में मोदी सरनेम वालों पर बयान दिया था। ये मामला 13 अप्रैल 2019 का है। जनसभा में राहुल ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम आखिर मोदी क्यों है। राहुल ने इसके लिए ललित मोदी, नीरव मोदी और पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया था। इसके खिलाफ बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत के कोर्ट में वाद दाखिल किया था। वहां से सजा के बाद राहुल ने सेशन कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट में राहत के लिए अपील की, लेकिन उनको अब तक राहत नहीं मिल सकी है।