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New Wage Code: नौकरीपेशा वर्ग में खुशखबरी, हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी, 1 अक्टूबर से लेबर कोड में बदलाव

New Wage Code: नौकरीपेशा करने वाले लोगों के लिए आने वाला महीना बेहद खुशी से भरा हो सकता है। दरअसल केंद्र की मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नए नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है, जारी किए गए इस नए लेबर कोड के नियमों के जरिए कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन छुट्टी का विकल्प दिए जाने पर विचार किया जा रहा  है।

नई दिल्ली। नौकरीपेशा करने वाले लोगों के लिए आने वाला महीना बेहद खुशी से भरा हो सकता है। दरअसल केंद्र की मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नए नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है, जारी किए गए इस नए लेबर कोड के नियमों के जरिए कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन छुट्टी का विकल्प दिए जाने पर विचार किया जा रहा  है। यानी अब से हफ्ते में पांच या छह दिन की जगह सिर्फ 4 दिन ही काम करने का फायदा मिल सकता है। लेकिन इस नियम के लागू होने के बाद से कर्मियों के एक दिन के काम के घंटे 9 से बढ़कर 12 घंटे किए जा सकते हैं।

Banking

12 घंटे करनी होगी नौकरी

नए ड्राफ्ट कानून के अनुसार कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। हालांकि, लेबर यूनियन 12 घंटे नौकरी करने का विरोध लगातार कर रही हैं। कोड के इस नए ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान पेश किया गया है। हालांकि मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय में किए गए काम को ओवरटाइम योग्य नहीं माना गया है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देने का कानून है।

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हफ्ते में 3 दिन छुट्टी

नए लेबर कोड में नियमों में यह विकल्प भी रखा जाएगा कि जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। जारी किए गए नए नियमों के मुताबिक काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 घंटे रखी गई है। ऐसे में काम के दिन घटकर 5 से 4 हो सकते हैं, तो वहीं हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी मिलने की बात भी कही जा रही है।

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1 अक्टूबर से बदलेंगे नियम

सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करने पर विचार कर रही थी, लेकिन राज्यों की तैयारी नहीं होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी बदलने के लिए ज्यादा समय देने की वजह से  इसे टाल दिया गया। लेबर मिनिस्ट्री की मानें तो सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करने का विचार कर रही थी। लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा जिस वजह से इन्हें 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था।