नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए हैं। ताजा मामला भारत-रूस के संबंधों से जुड़ा है। इस बार राहुल गांधी भारत-रूस की वार्षिक मीटिंग कैंसल होने को लेकर झूठ फैला रहे थे। दरअसल भारत और रूस के बीच होने वाला सालाना शिखर सम्मेलन इस बार कोरोना महामारी के संकट के कारण रद्द करना पड़ा है। लेकिन राहुल गांधी ने ट्वीट करके रद्द करने की दूसरी वजह बता डाली। 20 साल बाद रूस और भारत के बीच शिखर सम्मेलन रद्द होने पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। बुधवार को राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर लिखा, रूस, भारत का एक महत्वपूर्ण दोस्त है। पारंपरिक संबंध को नुकसान हमारी अदूरदर्शिता है और यह भविष्य के लिए घातक होगा।
Russia is a very important friend of India.
Damaging our traditional relationships is short-sighted and dangerous for our future. pic.twitter.com/U5VyFWeS6L
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 23, 2020
बता दें कि ये पहली बार नहीं जब राहुल गांधी फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए हो। इससे पहले वह हाथरस मामले को लेकर फेक खबर फैलाते पकड़े गए थे।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस मामले में लोगों को भड़काने और समसनी फैलाने के लिए दावा किया कि पुलिस-प्रशासन ने जल्दी-जल्दी में ही पीड़िता का अंतिम-संस्कार करा परिवार को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया।
इस बीच, भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने भारत और रूस के बीच होने वाला सालाना शिखर सम्मेलन को लेकर बड़ी जानकारी दी है। निकोले कुदाशेव ने कहा कि रूस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी कोविड-19 के बावजूद अच्छी प्रगति कर रही है। उन्होंने शिखर सम्मेलन के बारे में बोलते हुए कहा कि दोनों देश सम्मेलन की नई तारीख पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा। कुदाशेव ने आगे कहा कि भारत और रूस अपने रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम करते रहेंगे। जहां तक सम्मेलन का सवाल है, तो जल्द ही यह आयोजित किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को भारत और रूस ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों की वार्षिक शिखर बैठक इस बार केवल कोविड-19 महामारी की वजह से नहीं आयोजित हुई और इस बारे में कोई भी अटकल गलत और गुमराह करने वाला है।
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन ना होने को लेकर कोरोना महामारी का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह दोनों सरकारों के बीच आपसी सहमति से लिया गया फैसला है। इसके पीछे कोई अन्य कारण नहीं है। जो भी इस मामले को लेकर भ्रामक और गलत खबरें फैला रहे हैं, उनकी हरकत गैरजिम्मेदाराना है।