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Nitish Kumar: अखिलेश और ममता से आज मुलाकात करने वाले हैं नीतीश, लेकिन इस वजह से विपक्षी एकता का उनका मिशन फेल होने के आसार!

अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले विपक्षी एकता की बात कही जा रही है। पहले ये बात तेलंगाना के सीएम और बीआरएस के चीफ के. चंद्रशेखर राव ने कही। फिर विपक्षी दलों की एकता कराने के लिए मैदान में जेडीयू के नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कूदे।

लखनऊ/कोलकाता। अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले विपक्षी एकता की बात कही जा रही है। पहले ये बात तेलंगाना के सीएम और बीआरएस के चीफ के. चंद्रशेखर राव ने कही। फिर विपक्षी दलों की एकता कराने के लिए मैदान में जेडीयू के नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी कूदे। चंद्रशेखर राव तो विपक्षी एकता कराने की कोशिश में अब तक नाकाम दिख रहे हैं। अब नीतीश कुमार कितना सफल होते हैं, ये आज तय होने वाला है। नीतीश कुमार विपक्षी एकता की राह में बड़ा रोड़ा हटाने के अभियान पर आज हैं।

Akhilesh Yadav

अपने विपक्षी एकता अभियान के तहत नीतीश कुमार पहले लखनऊ आ रहे हैं। यहां वो क्षेत्रीय दलों में बड़ा हिस्सा रखने वाली सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। अखिलेश से मुलाकात करने के बाद नीतीश को कोलकाता जाना है। कोलकाता में वो टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी से मिलेंगे। नीतीश आखिर अखिलेश और ममता से मुलाकात क्यों कर रहे हैं? इसकी बड़ी वजह विपक्षी एकता की राह में इन दोनों नेताओं का लगाया हुआ रोड़ा है। अखिलेश यादव पहले राहुल गांधी के साथ हाथ मिलाकर अपनी पार्टी का हश्र देख चुके हैं। अब अखिलेश कांग्रेस के सामने क्षेत्रीय दलों को उनके राज्यों में तरजीह देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अखिलेश अगर यूपी में सीटों के बंटवारे पर राजी न हुए, तो विपक्षी एकता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। खासकर तब, जबकि यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं।

Mamata Banerjee

यही हाल बंगाल का भी है। बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं। यहां भी विपक्षी एकता तभी हो सकती है, जबकि ममता बनर्जी दूसरे दलों के साथ सीटों का बंटवारा करें। शायद अखिलेश और ममता को इसी पर राजी करने के लिए नीतीश दोनों से मुलाकात करने वाले हैं, लेकिन शक बरकरार है कि उनकी ये कोशिश सफल होगी। इसकी वजह ये है कि यूपी में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी ने पहले से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। अखिलेश ने ये एलान भी कर रखा है कि इस बार सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेंगे। जाहिर है, वो विपक्ष और खासकर कांग्रेस के साथ सीट बंटवारा करने से रहे। वहीं, ममता भी तीसरी बार बंगाल में सरकार बना चुकी हैं। ऐसे में ऐसी उम्मीद कम है कि वो कांग्रेस या किसी और विपक्षी दल के साथ सीटों का बंटवारा करेंगी। ममता पहले ही राहुल को बीजेपी और मोदी की टीआरपी बढ़ाने वाला बयान भी दे चुकी हैं।