उदयपुर/नई दिल्ली। कांग्रेस लंबे अर्से बाद चिंतन शिविर कर रही है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव पार्टी बुरी तरह हारी थी। बीते दिनों यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की दुर्गति जारी रही। यहां तक कि वो पंजाब की सत्ता तक गंवा बैठी। ऐसे में पार्टी को चलाने वाले गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका वाड्रा के साथ तमाम नेता शुक्रवार से तीन दिन के लिए राजस्थान के उदयपुर में करीब 400 नेताओं के साथ चिंतन कर रहे हैं। यहां चिंतन तो हो रहा है, लेकिन गांधी परिवार अब पार्टी में बागी तेवरों वाले नेताओं और सूत्रों के जरिए बैठकों में होने वाली बातचीत के लीक होने से परेशान है।
पार्टी के बंद कमरों में कांग्रेस आलाकमान और नेताओं के बीच बातचीत मीडिया के जरिए बाहर आती रहती है। कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है। ठीक इसी तरह चिंतन शिविर में पहुंचे नेताओं से कांग्रेस आलाकमान ने उनके मोबाइल फोन बाहर रखवा लिए। सूत्रों के मुताबिक नेता चिंतन बैठक में आए ही थे कि अजय माकन ने सबको बताया कि उन्हें अपने मोबाइल फोन बाहर रखकर आने होंगे। नेता इस पर चौंके, लेकिन सवाल पूछने की जगह उस नियत जगह पहुंचकर उन्होंने अपने मोबाइल फोन जमा करा दिए। इससे पहले राहुल गांधी ने बीते दिनों गुजरात के दौरे में खुलेआम कहा था कि उन्हें पार्टी में चर्चा से दिक्कत नहीं है, लेकिन बाहर लीक होकर आने वाली बातों और मीडिया को नेताओं की तरफ से दिए जाने वाले बयानों से नाराजगी है।
Congress should do ‘atma-chintan’ about staying relevant rather than engaging in ‘chintan’ about country which is in safe hands of PM Narendra Modi: BJP
— Press Trust of India (@PTI_News) May 13, 2022
बहरहाल, कांग्रेस के चिंतन शिविर से तमाम खबरें फिर भी छनकर शुक्रवार को बाहर आईं। इस पर उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी ने तंज कसने में देर नहीं की। बीजेपी की तरफ से बयान आया कि कांग्रेस को खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए ‘आत्म चिंतन’ करना चाहिए। देश के बारे में चिंतन करने की उसे जरूरत नहीं है, क्योंकि वो पीएम नरेंद्र मोदी के सुरक्षित हाथों में है। कांग्रेस का चिंतन शिविर अभी 2 दिन और चलना है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से इसी तरह के तंज और भी देखने और सुनने को मिल सकते हैं।