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UP: ‘डीजे और बैंड-बाजा बजे तो निकाह न कराएं काजी’, मुस्लिम संगठन का औरंगजेब जैसा फरमान!

शादी-ब्याह में यूपी के मुसलमान अब डीजे और बैंड-बाजा नहीं बजा सकेंगे। ये अनोखा और अजूबा औरंगजेब के दौर जैसा फरमान गाजियाबाद से जारी हुआ है। काजियों से मुसलमानों के एक संगठन ने कहा है कि जिस बारात में डीजे और बैंड-बाजा बजेगा, उसके दूल्हे को निकाह नहीं पढ़वाया जाएगा।

गाजियाबाद। शादी-ब्याह में यूपी के मुसलमान अब डीजे और बैंड-बाजा नहीं बजा सकेंगे। ये अनोखा और अजूबा औरंगजेब के दौर जैसा फरमान गाजियाबाद से जारी हुआ है। काजियों से मुसलमानों के एक संगठन ने कहा है कि जिस बारात में डीजे और बैंड-बाजा बजेगा, उसके दूल्हे को निकाह नहीं पढ़वाया जाएगा। मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को इस बारे में लिखित एलान किया। उन्होंने निकाह पढ़ाने वाले काजियों से आग्रह किया कि वे ऐसी जगह निकाह न पढ़ाएं, जहां डीजे बज रहा हो या बारात बैंड-बाजे के साथ आई हो।

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इमरान खान ने अपनी अपील में कहा कि काजी ये सुनिश्चित करें कि निकाह में न तो वधू और न ही वर पक्ष की तरफ से डीजे या बैंड-बाजा बजाया जाए। इमरान ने बयान में कहा है कि इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से काजी लिखित में लें कि वे डीजे और बैंड-बाजा की संस्कृति को बढ़ावा नहीं देंगे। साथ ही रिश्तेदारों को भी किसी तरह का दिखावा करने और गाजा-बाजा का इस्तेमाल करने से रोकेंगे।

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प्रतीकात्मक फोटो

मुस्लिम महासभा ने इस काम में उलमा और अन्य मुसलमान धर्मगुरुओं से भी मदद मांगी है। संगठन का कहना है कि मुस्लिम समाज को डीजे और बैंड-बाजा से दूर रहकर सादगी से शादी करने के लिए प्रेरित किया जाए। संगठन की तरफ से कहा गया है कि वो शादी में फिजूलखर्ची रोकने के लिए ऐसा कदम उठा रहा है। साथ ही किसी तरह की फिजूलखर्ची का विरोध भी होता रहेगा। बता दें कि इस्लाम के जानकार कहते हैं कि उनके धर्म में गाना गाने और संगीत को हराम माना जाता है। मुगल बादशाह औरंगजेब ने भी अपने शासनकाल में किसी तरह के संगीत और गीत पर पाबंदी लगा रखी थी। अब सवाल ये है कि शादी में बैंड-बाजा और डीजे नहीं बजाने का फरमान उसी दौर की वापसी की कोशिश नहीं है क्या।