नई दिल्ली। रेलवे अक्सर बेकार पड़े कबाड़ को बेचकर राजस्व अर्जित कर रहा है। इस मामले में उत्तर रेलवे (Northern Railway) बाकी क्षेत्रीय रेलवे से आगे है। इस वित्त वर्ष में अभी तक उत्तर रेलवे ने रेल की पटरियों के किनारे और रेल परिसरों में पड़े कबाड़ को बेचकर 227.71 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। कबाड़ बेचकर कमाया गया ये अबतक का रिकॉर्ड राजस्व है। इस रिकॉर्ड को बनाने के बाद अब उत्तर रेलवे स्क्रैप बिक्री के मामले में भारतीय रेलवे और सार्वजनिक उपक्रमों में सबसे उपर आ गया है।
बता दें, रेलवे लाइन के पास पड़े रेल पटरी के टुकडों, स्लीपरों, टाइबार जैसे कबाड़ यानी स्क्रैप से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा पानी की टंकियों, केबिनों, क्वार्टरों के दुरुपयोग की आशंका रहती है ऐसे में बेकार पड़े कबाड़ को बेचकर रेलवे पैसा तो कमाता ही है साथ ही इससे सफाई भी बनी रहती है। उत्तर रेलवे से बड़ी संख्या में जमा किए गए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का निपटान करते हुए इन्हें बेच दिया जिससे रेलवे भूमि को अन्य गतिविधियों और राजस्व आय के लिए प्रयोग में लाया जा सके।
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— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) October 3, 2021
पीछले साल के मुकाबले अधिक राजस्व
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का कहना है कि बीते साल के मुकाबले इस साल अब तक कबाड़ बेचकर 146 फीसदी अधिक राजस्व कमाया गया है। पिछले साल इस अवधि में कबाड़ से केवल 92.49 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था जबकि इस साल ये राजस्व बढ़कर 227.71 करोड़ रुपये हो गया है जो कि दूसरे क्षेत्रीय रेलवे से ज्यादा है।