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West Bengal: मुख्य सचिव के तबादले से बौखलाई दीदी, PM मोदी को लिखी चिट्ठी, दिल्ली भेजने से इंकार

West Bengal: बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल आज यानी 31 मई समाप्त हो रहा था, लेकिन कोरोना महामारी के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार मुख्य सचिव अलापन बंद्दोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को लेकर केंद्र और ममता सरकार के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। दरअसल अब मुख्य सचिव के ट्रांसफर को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मोदी को चिट्ठी लिखी है, जहां उन्होंने साफ तौर पर चीफ सेक्रेटरी को रिलीव करने से मना कर दिया है।

Mamata and PM Modi

बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने तूफान प्रभावित पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बंगाल की ममता बनर्जी और उनके करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव अलापन बंद्दोपाध्याय भी 30 मिनट देरी से पहुंचे थे। जिसके बाद ममता सरकार और केंद्र के बीच लगातार राजनीति विवाद बना हुआ है।

सोमवार को पीएम मोदी को लिखे पत्र में ममता ने कहा, बंगाल के मुख्य सचिव बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं। यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है।ममता ने कहा कि केंद्र का आदेश एकतरफा है। अधिकारियों के सेवा के नियमों का उल्ल्घंन है। इसे लेकर राज्य सरकार से पहले कोई बात नहीं हुई।

बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल आज यानी 31 मई समाप्त हो रहा था, लेकिन कोरोना महामारी के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है।

बंगाल के सियासी घमासान में कूदे केजरीवाल  

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस मामले में कूद पड़े हैं। सोमवार को केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, ये समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं है, सबके साथ मिलकर करोना से लड़ने का है। ये समय राज्य सरकारों की मदद करने का है, उन्हें वैक्सीन उपलब्ध करवाने का है, सभी राज्य सरकारों को साथ लेकर एक होकर टीम इंडिया बनकर काम करने का है। लड़ाई झगड़े और राजनीति करने को पूरी ज़िंदगी पड़ी है।