
वाराणसी। यूपी के वाराणसी में एक और मस्जिद को लेकर कुछ लोगों ने कोर्ट का रुख किया है। सिविल जज के यहां अर्जी देकर धरहरा मस्जिद में पूजा-अर्चना करने और मुस्लिमों से उसे हिंदुओं को वापस दिलाने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि पंचगंगा घाट पर बनी धरहरा मस्जिद की जगह पहले विशाल विष्णु मंदिर था। उसका नाम बिंदु माधव मंदिर था। आरोप है कि उस मंदिर को ढहाकर मुगल शासक औरंगजेब ने मस्जिद बनवाई। अर्जी में ये भी लिखा है कि फिलहाल ये मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI के पास है, लेकिन रोक के बाद भी मुस्लिम समुदाय के लोग यहां नमाज पढ़ते हैं।
इस केस को सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 225/2022 के तहत दर्ज किया है। आरोप है कि औरंगजेब के आदेश पर काशी विश्वेश्वर के मंदिर के अलावा और भी मंदिर ध्वस्त किए गए थे। इनमें पंचगंगा घाट पर बिंदु माधव मंदिर भी था। कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा गया है कि मंदिर के बड़े चबूतरे के ऊपर ही धरहरा मस्जिद बनवाई गई थी। पौराणिक मान्यता है कि पंचगंगा घाट पर गंगा में यमुना, वरुणा और सरस्वती नदी, गंगा के अलावा एक और नदी गुप्त रूप से मिलती है। इस घाट का प्राचीन नाम बिंदु माधव घाट बताया गया है। कहा जाता है कि बिंदु माधव का मंदिर राजस्थान के राजा मान सिंह ने कराया था।
औरंगजेब की ओर से मंदिर को तोड़ दिए जाने के बाद बिंदु माधव का नया मंदिर बनाया गया। इसे 18वीं सदी में सतारा के शासक के प्रतिनिधि भावन राव ने बनवाया था। इस मंदिर की तुलना पुरी के जगन्नाथ मंदिर से की जाती है। पंचगंगा घाट पर शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ जुटती है। इसके बाद मौजूदा बिंदु माधव मंदिर के लोग दर्शन करते हैं। स्कंद पुराण के काशीखंड में भी पुराने बिंदु माधव मंदिर का उल्लेख है।