नई दिल्ली। ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के मोदी सरकार पर लगाए गए आरोपों की पोल अब दिल्ली पुलिस ने खोल दी है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि जैक डॉर्सी के ट्विटर सीईओ रहते किस तरह कानून का पालन नहीं किया गया और यहां तक कि दिल्ली पुलिस की जांच को भी भरमाने की कोशिश भारत में ट्विटर के तत्कालीन एमडी मनीष माहेश्वरी ने की। माहेश्वरी ने खुद को ट्वीटर का कर्मचारी मानने से ही इनकार तक कर दिया था। जबकि, दिल्ली पुलिस की नोटिसों का कोई जवाब ट्विटर की तरफ से नहीं दिया जा रहा था।
Twitter employees misled cops, shady shareholding pattern, used subsidiaries & fake entities to evade Indian laws. Dorsey no Raja Harishchandra pic.twitter.com/ayKI4wqEQ5
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 14, 2023
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार ने बताया है कि किस तरह जैक डॉर्सी के सीईओ रहते ट्विटर की तरफ से सरकारी दिशानिर्देशों की लगातार अवहेलना की गई। लगातार जब नोटिस दिए गए और ट्विटर ने जांच में सहयोग करने में कोताही बरती, तो डीसीपी स्तर का एक अफसर दिल्ली के दफ्तर पहुंचा। वहां भी सहयोग नहीं मिला, तो दिल्ली पुलिस बेंगलुरु में ट्विटर के दफ्तर गई। फिर गुड़गांव भी पुलिस पहुंची। हर जगह ट्विटर का तत्कालीन मैनेजमेंट जांच को भरमाता रहा। पढ़िए और जानिए पूरा किस्सा कि कैसे जैक डॉर्सी की पोल दिल्ली पुलिस ने खोल दी है।
जैक डॉर्सी ने सोमवार को एक इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर पर कंट्रोल की कोशिश की। डॉर्सी ने आरोप लगाया कि ट्विटर का दफ्तर बंद कर देने, कर्मचारियों के यहां छापे मारने और गिरफ्तार करने तक की धमकी दी गई। जैक डॉर्सी के इन आरोपों को पहले ही संचार राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने झूठा बताया था। अब दिल्ली पुलिस ने भी जैक डॉर्सी के झूठे आरोपों की पोल खोल दी है।