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UP: काशी में बाबा विश्वनाथ का धाम और खूबसूरत बनाने की तैयारी, गर्भगृह में लगाया जाएगा सोना

काशी विश्वनाथ को अनादि और अनंत माना जाता है। पुराने मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेब ने गिराकर उसकी जगह मस्जिद बना दी थी। जब अहिल्याबाई होल्कर ने नया मंदिर बनाकर काशी विश्वनाथ के शिवलिंग को उसमें स्थापित किया, तो मंदिर की भीतर की दीवारें संगमरमर से बनवाईं।

वाराणसी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद अब बाबा के मंदिर को और भव्य बनाने के लिए काम चल रहा है। आने वाले दिनों में मंदिर के गर्भगृह को भी सोने से मढ़ा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत के एक सराफा कारोबारी ने इसकी इच्छा जताई है। उनकी पहल के बाद मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह की दीवारों पर सोने के पत्र लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। बुधवार को इसी कड़ी में गर्भगृह की दीवारों की मैपिंग और डिजाइनिंग का काम किया गया। बता दें कि मंदिर के शिखर पर सिख महाराजा रणजीत सिंह ने करीब 40 मन सोना लगवाया था। ये वक्त के साथ चमक खो चुका था। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले कारीगरों की मदद से शिखर पर लगे सोने के पत्रों की सफाई कराकर उन्हें चमकाया गया था।

kashi vishwanath temple

काशी विश्वनाथ को अनादि और अनंत माना जाता है। पुराने मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेब ने गिराकर उसकी जगह मस्जिद बना दी थी। जब अहिल्याबाई होल्कर ने नया मंदिर बनाकर काशी विश्वनाथ के शिवलिंग को उसमें स्थापित किया, तो मंदिर की भीतर की दीवारें संगमरमर से बनवाईं। गर्भगृह में चार दरवाजे लगे हैं। ये सभी दरवाजे और इनके चौखट चांदी के बने हैं। सूत्रों के मुताबिक दक्षिण के सराफा कारोबारी बीते दिनों वाराणसी में बाबा के दर्शन के लिए आए थे। जिसके बाद ही उन्होंने गर्भगृह में सोने के पत्र लगाने के बारे में बातचीत की थी।

Kashi Vishwanath Corridor

सराफा कारोबारी ने मंदिर प्रबंधन की सलाह पर वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल से भी मुलाकात की थी। उनसे बातचीत के बाद अग्रवाल ने सोने के पत्र लगाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। पहले भी एक बार काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने से मढ़ने का प्लान बना था। तब इसपर 50 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था। हालांकि, उस वक्त बीएचयू आईआईटी के विशेषज्ञों ने मंदिर की दीवारों की रिसर्च की थी और कहा था कि इसमें सोने के पत्र लगाने पर उनका वजन शायद दीवारें सह न सकें। जिसके बाद योजना को कागजों में ही दफ्न कर दिया गया था। अब एक बार फिर विशेषज्ञों से इस बारे में राय लेने की तैयारी है।