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Gujarat: चुनाव से पहले अब गुजरात कांग्रेस में महाभारत, हार्दिक पटेल हुए बागी, कई नेताओं ने छोड़ दी पार्टी

Gujarat: साल 2015 में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद में बड़ी रैली की थी। जिससे वो गुजरात ही नहीं, देश भर में चर्चा में छा गए थे। मार्च साल 2019 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा जिसके बाद जुलाई 2020 में उन्हें कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से मिल रही चुनौती और पार्टी में जारी कलह…ये वो दो पहलू हैं जो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए इस वक्त ऐसी फांस बनी हुई है जो न तो उससे निगले बन रही है और न ही उगले। भाजपा के खिलाफ जैसे-तैसे पार्टी अपने आपको खड़े करती है वैसै ही पार्टी में शामिल नेता और विधायक ही उसके पैरों में कुल्हाड़ी चलाकर उसे नीचे गिरा देने का काम कर देते हैं। पंजाब हो, राजस्थान हो या बाकी वो राज्य जहां पार्टी खुद को बचाने में जुटी है वहीं उसके अपने ही मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। बात गुजरात की करें तो यहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी में बड़ी उथल-पुथल के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल, पाटीदार समाज के बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपनी ही पार्टी पर तीखें सवालों की बौछार कर दी है। हार्दिक पटेल ने न सिर्फ पाटीदार समाज के अपमान का आरोप लगाया है बल्कि अपनी हालत उस दूल्हे जैसी बताई है जिसकी शादी के बाद नसबंदी करा दी गई हो।

कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव- हार्दिक 

विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते हुए पाटीदार समाज के बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में निर्णय शक्ति का अभाव है। केंद्र और प्रदेश में नेता ज्यादा होने के कारण निर्णय नहीं हो पाता। पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस के हाथ में शामिल करने पर की गई देरी को लेकर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के आए दिन मीडिया में ऐसे बयान आते हैं जिससे पूरे पाटीदार समाज का अपमान होता है। ये सब पाटीदार समाज सहन नहीं कर सकता। दो महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने पर फैसला नहीं लिया जा सका। हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान और स्थानीय नेतृत्व को इस पर तुरंत फैसला लेने की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हार्दिक पटेल ने कांग्रेस में उनकी अंदेखी का भी आरोप लगाया। हार्दिक पटेल ने कहा कि मुझे पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमिटी) की किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता। किसी भी तरह का फैसला हो मुझसे सलाह नहीं ली जाती।  फिर ऐसे पद का क्या मतलब है?, गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर ही है।

sonia rahul

कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों ने छोड़ी पार्टी

गुरुवार को गुजरात कांग्रेस के दो पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु और वशराम सोगठिया पार्टी छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इन्हें पार्टी के संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सदस्यता दिलाई। वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रवीण मारू ने भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इसके अलावा पूर्व विधायक कामिनी राठौड ने भी खुलकर कांग्रेस के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस के 2017 में जीते 16 विधायक भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, जो पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। इस लिस्ट में अल्पेश ठाकोर का नाम भी शामिल है, जो बीते चुनाव में कांग्रेस के हाथ में साथ आए थे और उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय सचिव का पद दिया गया था। वहीं, अब जिस तरह से हार्दिक पटेल के बगावती रुख देखने को मिल रहे हैं उससे माना जा रहा है जल्द ही वो किसी और पार्टी में शामिल हो सकते हैं। अब वो किस पार्टी के साथ जाते हैं ये जानने के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना होगा।