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Delhi News : अब दिल्ली को पानी नहीं देगा यूपी, समझौते से पीछे हटने की वजह साफ नहीं

Delhi News : दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल एवं तत्कालीन मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने भी यूपी सरकार से समझौते को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया था। उत्तर प्रदेश जल निगम ने एक जुलाई, 2020 को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को भेजी गई एक व्यवहार्यता रिपोर्ट में कहा था कि परियोजना व्यावहारिक है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश से दिल्ली को जाने वाले पानी को लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बात बिगड़ती दिख रही है। आपको बता दें कि सिंचाई के लिए 14 करोड़ गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) शोधित जल प्राप्त करने के बदले में दिल्ली को इतनी ही मात्रा में अशोधित जल उपलब्ध कराने की योजना से उत्तर प्रदेश पीछे हट गया है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर की गई एक अर्जी के जवाब में यह जानकारी मिली है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस सिलसिले में एक अपील भी की गई थी।

river of upआपको बता दें कि इस योजना में, मुराद नगर जल नियामक के जरिए दिल्ली में सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र को 270 क्यूसेक शोधित जल की आपूर्ति की जानी थी। इसके बदले में इतनी ही मात्रा में जल ओखला सीवेज शोधन संयंत्र से आगरा नहर में छोड़ने का प्रस्ताव था। एक क्यूसेक, 1 घन फुट प्रति सेकंड के बराबर होता है। आरटीआई अर्जी के जवाब में मिले दस्तावेजों से यह पता चला है कि दोनों राज्यों ने तीन मई, 2018 से जल का आदान-प्रदान करने की योजना के चलते तमाम मीटिंग्स की गई थीं।

दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल एवं तत्कालीन मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने भी यूपी सरकार से समझौते को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया था। उत्तर प्रदेश जल निगम ने एक जुलाई, 2020 को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को भेजी गई एक व्यवहार्यता रिपोर्ट में कहा था कि परियोजना व्यावहारिक है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए 70 लाख रुपये का भुगतान किया था। दिल्ली सरकार ने पाइपलाइन बिछाने और यूपी से अशोधित जल की आपूर्ति के लिए आवश्यक निर्माण एवं मरम्मत कार्य की लागत वहन करने और आगरा नहर में फिल्टर पानी छोड़ने पर राजी हुए थे।

डॉक्यूमेंट के मुताबिक दिल्ली के भूतपूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पिछले साल 14 जून को फोन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी और 23 जून को उन्हें पत्र लिखकर मुराद नगर से दिल्ली को 270 क्यूसेक (14 करोड़ गैलन प्रतिदिन) अशोधित उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा था, दिल्ली के पास खुद के पर्याप्त जल संसाधन नहीं हैं और वह अपने पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। बढ़ती जनसंख्या के बीच, दिल्ली को आवश्यकता को पूरा करने के लिए 265 एमजीडी अतिरिक्त अशोधित जल की आवश्यकता है। पत्र के अनुसार, एक जुलाई, 2020 की व्यवहार्यता रिपोर्ट के अनुसार उप्र के लिए दिल्ली को 270 क्यूसेक अशोधित जल मुहैया करवा पाना पॉसिबल है।