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Nuh Communal Violence: नूंह सांप्रदायिक हिंसा का पाकिस्तान से भी कनेक्शन, फर्जी नाम से यूट्यूबर ने लोगों को था भड़काया

नूंह हिंसा की जांच के दौरान पता चला है कि जो खुद को अहसान मेवाती बताकर लोगों को भड़काने वाला वीडियो बना रहा था, उसका असली नाम जीशान मुश्ताक है। जीशान ने राजस्थान की लोकेशन बताकर कई भड़काऊ वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर डाले थे। जबकि, वो उस वक्त लाहौर में सीएम के घर के पास था।

नई दिल्ली। हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। इस हिंसा को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। हरियाणा पुलिस की जांच इस दिशा में हो रही है। नूंह की सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने में सोशल मीडिया की भूमिका की जांच के लिए खास कमेटी बनी है। ये कमेटी जांच रही है कि 21 से 31 अगस्त तक सोशल मीडिया पर किस तरह हमले के लिए लोगों को उकसाया गया। सोशल मीडिया पर तमाम पोस्ट के अलावा यूट्यूब और फेसबुक पर कई उकसाने वाले वीडियो भी जारी किए गए थे। नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसाने वाले इन वीडियो में से एक में अहसान मेवाती के फर्जी नाम से एक पाकिस्तानी यूट्यूबर का भी है।

nuh violence

नूंह हिंसा की जांच के दौरान पता चला है कि जो खुद को अहसान मेवाती बताकर लोगों को भड़काने वाला वीडियो बना रहा था, उसका असली नाम जीशान मुश्ताक है। जीशान ने राजस्थान की लोकेशन बताकर कई भड़काऊ वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर डाले थे। जबकि, वो उस वक्त लाहौर में सीएम के घर के पास था। नूंह में हिंसा भड़काने के लिए उकसाने का ही सिर्फ जीशान ने वीडियो नहीं बनाया था। हिंसा के दौरान भी तोड़फोड़ और आगजनी के वीडियो वो लगातार जारी कर रहा था। इससे साफ है कि नूंह में ही किसी न किसी से जीशान मुश्ताक जुड़ा हुआ है। ये शख्स ही उसे सांप्रदायिक हिंसा के वीडियो लगातार भेज रहा था।

Nuh Violence

जीशान भले ही नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोपियों में हो, लेकिन साफ है कि उसे भारत लाकर केस नहीं चलाया जा सकता। जब भारत से फरार होकर अपने यहां छिपे आतंकियों और माफिया को पाकिस्तान लगातार मांग के बाद भी नहीं सौंपता, तो भला जीशान मुश्ताक को वो क्यों सौंपने लगा! बहरहाल, नूंह में अभी शांति है और बड़ी तादाद में सुरक्षाबल यहां तैनात किए गए हैं। नूंह के अलावा गुरुग्राम के सोहना और बादशाहपुर के साथ पलवल में भी हिंसा की घटनाएं हुई थीं। सांप्रदायिक हिंसा के इन मामलों में 102 एफआईआर दर्ज कर 202 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक 2300 वीडियो ऐसे मिले हैं, जिनके जरिए लोगों को उकसाने का काम किया गया।