newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Uttar Pradesh: ओडीओपी ने दिलाई काला नमक चावल को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान : सीएम योगी आदित्यनाथ

Uttar Pradesh:मुख्यमंत्री ने कहा कि, “पहले सिद्धार्थनगर में जब काला नमक चावल का उत्पादन होता था, तो आबादी कम थी और कृषि क्षेत्रफल अधिक। इससे काला नमक चावल के उत्पादन में लागत अधिक आती थी। जनपद सिद्धार्थनगर व आसपास क्षेत्रों के 22 हजार हेक्टेयर में फसल पैदा की जाती थी। नुकसान के चलते इसकी पैदावार कम होती गई। 2017 से पहले काला नमक का उत्पादन 22 सौ हेक्टेयर तक पहुंच गया। वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया और काला नमक की वेराइटी में व्यापक सुधार किया गया। इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया। इसके बाद काला नमक को ओडीओपी योजना से जोड़ा गया। अब अकेले सिद्धार्थनगर में ही लगभग 5 हजार हेक्टेयर में काला नमक चावल धान का उत्पादन किया जा रहा है।”

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक जनपद, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना से जुड़ने के बाद यूपी के काला नमक चावल को एक नई पहचान मिली है। उच्च श्रेणी की मार्केटिंग व ब्रांडिंग की बदौलत आज काला नमक चावल की खुशबू सिद्धार्थनगर से निकल कर देश और दुनिया में महक रही है। तकनीक के जरिए काला नमक चावल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया और लागत को कम किया गया। इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिद्धार्थनगर में काला नमक महोत्सव का अपने आवास से वर्चुअली सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी व डुमरियागंज के सांसद जगदिम्बका पाल मौजूद रहे।

Yogi Adityanath Black Rice

प्रदेश सरकार की ओर से झांसी के स्ट्राबेरी और लखनऊ के गुड़ महोत्सव की तर्ज पर सिद्धार्थनगर के राजकीय इंटर कालेज, नौगढ़ में तीन दिवसीय काला नमक महोत्सव का आयोजन किया गया है। मालूम हो कि कालानमक चावल सिद्धार्थनगर का ओडीओपी है। महोत्सव में काला नमक चावल से बने स्वादिष्ट भोजन का मजा भी लोग ले सकेंगे।

Yogi Adityanath Black Rice

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में काला नमक चावल की उत्पादन क्षमता को लेकर नए शोध किए जा रहे हैं। भविष्य में इसकी उपज और गुणवत्ता और सुधरेगी। इसका लाभ किसानों को मिलेगा।

Yogi Adityanath Black Rice

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “पहले सिद्धार्थनगर में जब काला नमक चावल का उत्पादन होता था, तो आबादी कम थी और कृषि क्षेत्रफल अधिक। इससे काला नमक चावल के उत्पादन में लागत अधिक आती थी। जनपद सिद्धार्थनगर व आसपास क्षेत्रों के 22 हजार हेक्टेयर में फसल पैदा की जाती थी। नुकसान के चलते इसकी पैदावार कम होती गई। 2017 से पहले काला नमक का उत्पादन 22 सौ हेक्टेयर तक पहुंच गया। वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया और काला नमक की वेराइटी में व्यापक सुधार किया गया। इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया गया। इसके बाद काला नमक को ओडीओपी योजना से जोड़ा गया। अब अकेले सिद्धार्थनगर में ही लगभग 5 हजार हेक्टेयर में काला नमक चावल धान का उत्पादन किया जा रहा है।”

Yogi Adityanath Black Rice

योगी ने कहा कि, “160 से कम दिनों में फसल तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों ने काफी कार्य किया। काला नमक चावल का पौधा लम्बा होने से बरसात या तेज हवा के झोंके से गिर जाता था। इससे किसानों को काफी नुकसान होता था। वैज्ञानिकों ने तकनीक के जरिए पौधे की लम्बाई को कम किया और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सफलता हासिल की। काला नमक चावल में खुशबू के साथ-साथ प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व आयरन, ओमेगा-3, जिंक, आयरन ओमेगा 6 पाए जाते हैं। इसी कारण देश व दुनिया के अंदर काला नमक चावल की लोकप्रियता बढ़ी है। इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। खासकर पिछले तीन से चार सालों में।”

Yogi Adityanath Black Rice

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत पर स्ट्राबेरी का उत्पादन करने वाली झांसी के एक किसान की बेटी का जिक्र किया था। बुंदेलखंड की धरती हमेशा से सूखे की चपेट में रहती है, लेकिन यहां पर कैसे परिवर्तन लाया जा सकता है। यह उस बेटी ने करके दिखा दिया। आज किसान की वह बेटी डेढ़ एकड़ में स्ट्राबेरी का उत्पादन करके 42 लाख रुपए का प्रोडक्शन कर चुकी है। ऐसे ही सुलतानपुर के किसान गया प्रसाद मुरारी सिंह ने ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन कर इतिहास रचा है।

Yogi Adityanath Black Rice

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “किसानों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और लागत को कम करने का प्रयास सरकार कर रही है। जिन किसानों ने फसल उत्पादन में नजीर पेश की उनको समाज के सामने लाने का काम भी सरकार ने किया है। सीएम ने कहा कि चंदौली के प्रगतिशील किसानों ने ब्लैक राइस चावल की पैदावार शुरू की है। जो किसान मणिपुर से लेकर आए हैं। यह चावल पूरी तरह से काला होता है। मुझे सपा के एक एमएलसी ने इसकी खीर खाने का आग्रह किया था। वाकई वह बेहद स्वादिष्ट थी। वहां के किसान काफी अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। सिद्धार्थनगर के काला नमक की ऊपरी सतह ही सिर्फ काली होती है जबकि चावल सफेद होता है।”

Yogi Adityanath Black Rice

योगी ने कहा कि जनप्रतिनिधयों को भी काला नमक चावल की ब्रांडिंग में सहयोग देना चाहिए। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। काला नमक चावल में विटामिन व प्रोटीन के साथ-साथ बड़े पैमाने पर पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो एक नए ब्रांड के रूप में इसे अन्तर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध करा रहा है। मधुमेह जैसी बीमारियों में भी यह लाभदायक है।