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Om Prakash Rajbhar With BJP: यूपी में बीजेपी ने फिर ओमप्रकाश राजभर को खुद से जोड़ा, पूर्वांचल की कई सीटों पर है उनकी सुभासपा का असर

ओमप्रकाश राजभर 2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ थे। वो योगी सरकार में मंत्री भी थे। जातिगत जनगणना जैसे कुछ मुद्दों पर उनका बीजेपी से मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए का दामन छोड़ दिया था। फिर वो अखिलेश यादव के साथ चले गए थे।

नई दिल्ली। यूपी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) एक बार फिर बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा बन गई है। ये एलान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया। अमित शाह ने सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के साथ फोटो ट्वीट कर जानकारी दी। अमित शाह ने लिखा है कि श्री ओमप्रकाश राजभर जी से दिल्ली में मुलाकात हुई। शाह ने बताया कि राजभर ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में आने का फैसला किया है। अमित शाह ने एनडीए में आने पर ओमप्रकाश राजभर का स्वागत किया और इससे गठबंधन के मजबूत होने की बात कही। अमित शाह ने ये भी लिखा है कि राजभर के एनडीए में आने से गरीबों और वंचितों की भलाई के लिए किए जा रहे काम को बल मिलेगा।

ओमप्रकाश राजभर 2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के साथ थे। वो योगी सरकार में मंत्री भी थे। जातिगत जनगणना जैसे कुछ मुद्दों पर उनका बीजेपी से मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए का दामन छोड़ दिया था। साल 2022 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में राजभर ने सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया था, लेकिन यूपी में दोबारा बीजेपी की सरकार बनने और आजमगढ़ जैसे संसदीय सीट को हारने के बाद वो अखिलेश यादव पर हमलावर हो गए थे। राजभर ने कहा था कि एसी कमरे में अखिलेश बैठे रहते हैं और इसी वजह से गठबंधन का ये हाल है। राजभर ने उसके बाद द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में जिताने के लिए अपनी सुभासपा के विधायकों का भी वोट दिलाया था।

omprakash rajbhar

अगर ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा की बात करें, तो पूर्वी यूपी की तमाम सीटों पर उनके समर्थक बड़ी संख्या में हैं। इससे बीजेपी को पूर्वांचल में मदद मिल सकती है। खास बात ये है कि राजभर ने बीते दिनों बीएसपी सुप्रीमो मायावती की भी खूब तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि मायावती को विपक्षी गठबंधन का प्रमुख बनाना चाहिए। राजभर ने ये भी कहा था कि अगर विपक्ष के लोग उनको बुलाते, तो वो भी पटना की बैठक में हाजिर रहते। इन बयानों के बाद एक बार फिर वो बीजेपी के साथ आ गए हैं।