नई दिल्ली। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। अब तक तो लोग यही सोच रहे थे कि कोविड वैक्सीन की दो डोज़ लगवाकर वो कोरोना से महफूज़ हो चुके हैं लेकिन ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे ने अब बूस्टर डोज़ की ज़रूरत की तरफ इशारा किया है। बूस्टर डोज़, वैक्सीन की उस अतिरिक्त डोज़ को कहा जाता है जो उसकी निश्चित की गई डोज़ के अलावा दी जाती है। यानि इसे यूं समझ लीजिए कि जैसे सर्दियों में आप जर्सी पहनकर घर से बाहर निकले लेकिन बाहर कड़ाके की ठंड है तो आपने उससे बचने के लिए जर्सी के ऊपर एक जैकेट और पहन ली।
बहरहाल, वापस आते हैं ओमिक्रॉन पर, भारत में भी इसके आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब तक देश में 224 से ज्यादा ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं। इससे लोगों में खौफ बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए कई देशों में बूस्टर डोज लगानी शुरू कर दी गई है, दावा किया जा रहा है कि इससे ओमिक्रॉन की रफ्तार को बहुत हद तक काबू में लाया जा सकता है। लेकिन चूंकि पुख्ता तौर पर इसकी पुष्टि करने के लिए अभी पर्याप्त रिसर्च स्टडीज़ नहीं हुई हैं और बड़ी संख्या में भारतीयों का वैक्सीनेट होना अभी बाकी है, लिहाज़ा भारत अभी बूस्टर डोज़ को लेकर वेट एंड वॉच वाली स्थिति में है। ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी कहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है लेकिन इससे बहुत ज्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है।
मंगलवार को केंद्र सरकार ने भी राज्यों को चेतावनी देते हुए कुछ जरूरी दिशानिर्देश दिए जिनमें वॉर रूम बनाने से लेकर ज़रूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू लगाने की सलाह भी शामिल है। जाहिर है केंद्र सरकार हालातों को बिगड़ने नहीं देना चाहती। इसी सतर्कता के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना के हालातों की समीक्षा के लिए गुरूवार को एक बैठक करने वाले हैं। ओमिक्रॉन की बढ़ती रफ्तार के मद्देनज़र ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। ओमिक्रॉन की दहशत से क्रिसमस और न्यू ईयर जैसे त्योहारों रंग भी फीका पड़ सकता है। जर्मनी में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने की वजह से नए साल के जश्न पर पाबंदी लगा दी गई है। इजरायल में इस घातक वैरिएंट से पहली मौत दर्ज की गई है। भारत समेत पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन किस हद तक तबाही मचाता है ये तो आने वाले दिन ही बताएंगे लेकिन फिलहाल ज़रूरत है पूरी सतर्कता बरतने की।