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Project Cheetah : एक बार फिर भारत को मिलेंगे 12 चीते, दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को आने की खबर

Project Cheetah : कूनो ले जाने से पहले चीतों को दक्षिण अफ्रीका से ग्वालियर ले जाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि उन्हें 12 के जत्थे में नर और मादा चीतों की संख्या की जानकारी नहीं है। सरकार चीता परियोजना के दूसरे चरण पर काम कर रही है और उसने दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता किया है।

नई दिल्ली। बीते साल पीएम मोदी ने देश को विलुप्त हो चुके चीतों को वापस लाकर एक नई सौगात दी थी। अब चीतों की प्रजाति के विस्तार के ऊपर भारत सरकार निरंतर काम कर रही है। चीतों का दूसरा जत्था 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में आने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने बताया कि मौजूदा योजना के मुताबिक 18 फरवरी को 12 और चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाने का प्रयास किया जा रहा है।

cheetah in kuno national parkचीतों के अफ्रीका से भारत आने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कूनो ले जाने से पहले चीतों को दक्षिण अफ्रीका से ग्वालियर ले जाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि उन्हें 12 के जत्थे में नर और मादा चीतों की संख्या की जानकारी नहीं है। सरकार चीता परियोजना के दूसरे चरण पर काम कर रही है और उसने दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता किया है। चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया जाएगा। चीता परियोजना के तहत, आठ चीतों को नामीबिया से हवाई मार्ग से भारत पहुंचाया गया था।

cheetah in kuno national parkआपको बता दें कि बीते साल पीएम मोदी ने सितंबर के महीने में इन चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक चीतों को एक महीने के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से आठ चीतों – पांच मादा और तीन नर – के पहले बैच को केएनपी में एक संगरोध बाड़े में छोड़ा था। भारत में प्रजातियों के विलुप्त होने के लगभग सात दशक बाद चीतों को फिर से लाया जा रहा है। देश में अंतिम चीता की मृत्यु 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित करार दिया गया था।