नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आजकल अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं और उनपर झूठ बोलने के भी आरोप लगातार लग रहे हैं। केजरीवाल अब कश्मीरी पंडितों के बारे में दिए गए एक गलत बयान की वजह से घिर रहे हैं। इससे पहले अरविंद तब झूठ बोलने के आरोप में घिरे थे, जब उन्होंने शनिवार को दिल्ली विधानसभा में कहा था कि उनकी सरकार ने बीते 7 साल में 12 लाख युवाओं को नौकरी दी है। उन्होंने ये दावा भी किया था कि अगले 5 साल में दिल्ली की आम आदमी पार्टी AAP सरकार 20 लाख युवाओं को नौकरी देगी। केजरीवाल के इस दावे पर बीजेपी ने उन्हें घेर लिया था और एक आरटीआई के जरिए साबित किया था कि दिल्ली सरकार ने बीते 7 साल में महज 3500 नौकरियां दी हैं।
First he laughed at our genocide
Mocked #TheKashmirFiles that portrays our truth
Now on national television @TimesNow he lied that he made contractual kashmiri Pandit teacher permanent
The fact is that it was courts that passed the order ??
He did nothing ..liar no 1 pic.twitter.com/fWV8bdTDrI
— Vikas Raina (????? ????)???? (@VikasInExile) March 27, 2022
दरअसल, केजरीवाल ने कल एक टीवी चैनल से बातचीत में दावा किया था कि उनकी सरकार ने विस्थापन के बाद दिल्ली आकर संविदा पर सरकारी विभागों में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों की नौकरी पक्की की। केजरीवाल ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ कश्मीरी पंडितों के मसले पर सियासत करती है और उसने फिल्म बनाकर इस सियासत को नया रंग दिया है। इससे पहले केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में कह चुके थे कि कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ झूठी है। बहरहाल, जब केजरीवाल ने ये दावा किया कि कश्मीरी पंडितों को उनकी सरकार ने पक्की नौकरी दी, तो ट्विटर पर एक कश्मीरी पंडित ने उनके झूठ की पोल खोल दी।
इस यूजर ने ट्वीट में केजरीवाल के बयान और मीडिया में कश्मीरी पंडितों को पक्की सरकारी नौकरी मिलने के बारे में छपी खबर के स्क्रीनशॉट डालकर दिल्ली के सीएम के दावे को गलत बताया। ट्वीट में लगाए गए मीडिया की खबर के स्क्रीनशॉट के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में पक्का तो किया, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद। दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2018 की 23 मई को इस बारे में दिल्ली सरकार को आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 200 कश्मीरी पंडित टीचरों को पक्का किया जाए। कोर्ट ने ये भी कहा था कि इन टीचरों को दो दशक से ज्यादा वक्त से जो झेलना पड़ रहा है, वो समाज के लिए भी दुखदायी है। इस ट्वीट पर केजरीवाल या आम आदमी पार्टी की सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन लोगों ने दिल्ली के सीएम को जमकर फटकार लगा दी।