नई दिल्ली। शरद पवार एक तरफ महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के साथ हैं। राष्ट्रीय राजनीति में भी वो बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी का जमकर विरोध करते हैं, लेकिन शरद पवार ने नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी की गठबंधन सरकार को समर्थन दे दिया है। शरद पवार के इस कदम से विपक्ष तो शायद चौंका ही होगा। अब एआईएमआईएम के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी निशाना साधा है। नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन को समर्थन देने का एलान एनसीपी की तरफ से बुधवार को किया गया। इस मामले में सवाल पूछे जाने पर शरद पवार ने मीडिया से कहा कि उन्होंने नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो को समर्थन दिया है, न कि बीजेपी को।
नगालैंड में बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव में शरद पवार की एनसीपी के 7 विधायक चुनकर आए थे। राज्य में एनडीपीपी-बीजेपी के गठबंधन ने अकेले ही बहुमत हासिल कर लिया था। ऐसे में एनसीपी के समर्थन के एलान पर हैरत जताई जा रही है। पूर्वोत्तर में एनसीपी के प्रमुख नरेंद्र वर्मा का कहना है कि बाकी दलों ने नेफ्यू रियो को समर्थन दे दिया है। ऐसे में उनकी पार्टी अलग नहीं रह सकती है। नरेंद्र वर्मा के मुताबिक उन्होंने इस मामले में शरद पवार से बात की थी। उनकी मंजूरी के बाद ही नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी को समर्थन देने का फैसला किया गया है।
If “Sharad” was “Shadab” he’d be called BTeam & be an untouchable for “seculars”. I’ve never supported BJP govt &never will but this is the 2nd time NCP supported BJP& it may not be the last
SAHIB’s supporting those who jailed his minister Nawab Malik
This is the value of Muslims pic.twitter.com/DgolL7w6Cs— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 8, 2023
नगालैंड में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार को शरद पवार के समर्थन से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी निशाना साधने का मौका मिल गया है। ओवैसी की पार्टी को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब तक बीजेपी की ‘बी’ टीम कहते रहे हैं। ओवैसी ने निशाना साधने में अपने चिर-परिचित मुस्लिम एंगल का सहारा लिया। उन्होंने लिखा कि अगर ‘शरद’ ‘शादाब’ होते तो उनको बी टीम कहा जाता और सेकुलरों के लिए वो अछूत होते। मैंने कभी भी बीजेपी सरकार का समर्थन न किया और न ही करूंगा, लेकिन ये दूसरी बार है जब एनसीपी ने बीजेपी का समर्थन किया है। ओवैसी ने आगे लिखा है कि ये शायद आखिरी मौका नहीं होगा जब साहब उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने उनके मंत्री नवाब मलिक को जेल भेजा। ये है मुस्लिमों की वैल्यू। माना जा रहा है कि ओवैसी के बाद अब कुछ अन्य बीजेपी विरोधी विपक्षी दल भी शरद पवार के इस फैसले पर सवाल उठा सकते हैं।