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Presidential Elections 2022: द्रौपदी मुर्मू की जीत में विपक्ष का रहा बड़ा हाथ, राष्ट्रपति चुनाव में हुई जबरदस्त क्रॉस वोटिंग

Presidential Elections 2022: NDA की रणनीति के आगे विपक्षी दलों की एकता पूरी तरह से अलग-थलग दिखाई पड़ी । जिसका नतीजा ये रहा है कि जनप्रतिनिधियों ने पार्टी लाइन से हटकर द्रौपद्री मुर्मू को पक्ष में वोट डाले। दरअसल दौपद्री मुर्मू के पक्ष में 17 सांसदों और विपक्ष के 104 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।

नई दिल्ली। देश को पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू मिल गई है। रायसीना हिल्स की रेस में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े वोटों के अंतर से हराया दिया है। द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में 5,77,778 वोट पडे़। जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 26,10, 62 वोट मिले। अगर नंबर गेम को देखे तो द्रौपद्री मुर्मू की जीत का बड़ा अंतर भारत की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को दर्शा रहा है। इस जीत से पता चलता है कि विपक्ष ताकत और एकता दोनों ही कम हो रही है। बड़ी बात ये है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत में विपक्ष का बड़ा हाथ रहा है। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में जबरदस्त क्रॉस वोटिंग हुई है।

pm modi and dropadi murmu

NDA की रणनीति के आगे विपक्षी दलों की एकता पूरी तरह से अलग-थलग दिखाई पड़ी । जिसका नतीजा ये रहा है कि जनप्रतिनिधियों ने पार्टी लाइन से हटकर द्रौपद्री मुर्मू को पक्ष में वोट डाले। दरअसल दौपद्री मुर्मू के पक्ष में 17 सांसदों और विपक्ष के 104 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। जिसमें असम के 22, छत्तीसगढ़ के 6, झारखंड के 10, मध्य प्रदेश के 19, महाराष्ट्र के 16 और गुजरात के 10 विधायकों ने द्रौपद्री मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। नतीजों में साफ हो चुका है कि द्रौपद्री मुर्मू को उम्मीद से ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं और विपक्षी नेताओं ने भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में जमकर क्रॉस वोटिंग की।

Draupadi Murmu

वहीं द्रौपद्री मुर्मू की जीत के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बधाई है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पीएम मोदी द्रोपदी मुर्मू को बधाई देने के लिए उनके आवास पर पहुंचे।

द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति बनते ही अपने नाम कायम किए ये खास रिकॉर्ड-

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन गई है। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी  न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू जो दूसरा रिकॉर्ड बनाया है। उसमें खास बात ये है कि वो पहली राष्ट्रपति है, जो 1947 में देश को आजाद मिलने के बाद जन्मी हैं। देश में अभी तक जीतने भी राष्ट्रपति हुए हैं, उनका जन्म देश को आजादी मिलने से पहले हुआ।

इसके साथ ऐसा पहली मौका होगा, जब किसी वक्त पार्षद रह चुका कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचा है। उन्होंने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत का पार्षद बनने के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। वही पहली बार 2000 में विधायक चुनी गई थी। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीति कैरियर की शुरुआत भाजपा के साथ की थी और अंत तक पार्टी के साथ जुड़ी रही।