Parliament Budget Session: बजट सत्र में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री और अडानी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की विपक्ष की तैयारी, ये है सरकार का रुख

आम आदमी पार्टी (आप) और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति मोदी सरकार के झूठे दावे बताएंगी। जिसकी वजह से हम बहिष्कार कर रहे हैं।

Avatar Written by: January 31, 2023 10:35 am
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस सत्र के दो हिस्से होंगे। पहला हिस्सा 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। संसद में विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने के लिए तैयार बैठे हैं। वे पुराने के अलावा दो नए मुद्दों को उठाने वाले हैं। इनमें से एक गुजरात दंगों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बैन का मामला है। दूसरा मुद्दा अडानी ग्रुप पर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट है। इन दोनों ही मुद्दों के अलावा विपक्ष चीन के मसले पर भी संसद में चर्चा चाहता था, लेकिन सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने साफ कह दिया कि वो देश की सुरक्षा के मामले में संसद में बहस के लिए कतई तैयार नहीं है। सरकार अडानी और बीबीसी पर चर्चा के लिए तैयार हो सकती है।

इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। आप के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति मोदी सरकार के झूठे दावे संसद में बताएंगी। जिसकी वजह से हम बहिष्कार कर रहे हैं। संजय सिंह के मुताबिक पार्टी 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है। बात करें कांग्रेस की, तो उसके सांसद जयराम रमेश और कई अन्य श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के लिए गए थे। वहां मौसम खराब होने की वजह से फ्लाइट्स वक्त पर नहीं हैं। इस वजह से जयराम समेत कांग्रेस के कई सांसद भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान संसद में मौजूद नहीं रह सकेंगे।

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अडानी और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को विपक्ष ने बीते कुछ दिनों से मुद्दा बना रखा है। मोदी और उनकी सरकार पर लगातार हमले हो रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि अडानी को बैंकों से 2 लाख करोड़ का कर्ज मोदी सरकार के कहने पर दिया गया है। विपक्ष ये आरोप भी लगा रहा है कि इस कर्जे के डूबने से देश के बैंक दिवालिया हो जाएंगे।

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