चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी AAP की सरकार बने कुछ दिन ही बीते हैं, लेकिन इन कुछ दिन में ही सीएम भगवंत मान की सरकार अलग-अलग वजहों से चर्चा में आ गई हैं। पहले तो पंजाब सरकार ने अपना वादा तोड़ते हुए लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली अभी देने में मजबूरी जता दी। इसके बाद अपना हक मांग रहे किसानों पर तानाशाही दिखाते हुए बर्बरता से पुलिस के जरिए लाठीचार्ज कराया। अब सरकार ने आंदोलनकारी टीचरों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। टीचरों पर कार्रवाई के आदेश इसलिए दिए गए हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी मांगों के बारे में शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के आवास के बाहर धरना दिया।
मीत हेयर के बरनाला आवास के बाहर ईटीटी टीचरों ने धरना दिया है। अब इनके खिलाफ जारी आदेश में अनुशासन तोड़ने की कार्रवाई की बात कही गई है। आदेश में कहा गया है कि अनिवार्य कार्य और घरेलू काम के लिए छुट्टी लेकर माननीय शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर धरना देने वाले ईटीटी टीचरों की छुट्टी रद्द कर अनुशासन तोड़ने के आरोप में कार्रवाई की जाए। नियुक्ति अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि इस बारे में लापरवाही बरतने पर उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। उधर, धरना दे रहे ईटीटी शिक्षक अपनी मांग से टस से मस न होने की बात कह रहे हैं।
रविवार से ही ईटीटी शिक्षक मीत हेयर के आवास के बाहर धरना दे रहे हैं। रात भी उन्होंने यहीं गुजारनी शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री के घर की तरफ जाने वाले रास्तों पर पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी गई। किसान नेता मनजीत धनेर ने मौके पर पहुंचकर बैरीकेडिंग को हटा दिया। यहां बैठे शिक्षक पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी करते दिखे। वे शिक्षक प्रतिनियुक्ति का आदेश रद्द करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन का डकौंडा गुट और अन्य शिक्षक संगठनों ने भी ईटीटी शिक्षकों का समर्थन किया है।