नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के तीसरे चरण के मतदान में एक नजारा ऐसा देखने को मिला, जिससे आप एक वोट डालने की खुशी क्या होती है, ये जान सकते हैं। आखिर वोट का अधिकार क्या होता है, ये आसानी से समझ सकते हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस बार पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी मतदान करने का मौका मिला। ऐसे में जब उन्होंने अपना वोट डाला तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। ये इतने खुश हुए कि, इस खुशी में उन्होंने नाचना शुरू कर दिया। देखते ही देखते ये वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। बता दें कि वोट देने की खुशी में शरणार्थियों ने किसी दीवाने की तरह ढोल की धुन पर जमकर डांस किया। इसमें से एक मतदाता ने कहा, ’70 साल से भी ज्यादा गुजर गए, हमने पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान किया है।’
इस मतदाता ने कहा कि, ‘हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेकर खुश हैं।’ गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में हो रहे डीडीसी चुनाव कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण हैं। दरअसल आर्टिकल 370 के हटाए जाने और राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां पहली बार चुनाव आयोजित किया जा रहा था। ऐसे में ये चुनाव काफी अहम हो जाते हैं। एक साल से भी ज्यादा वक्त के भीतर घाटी में यह पहला लोकतांत्रिक अभ्यास है।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: 70 साल बाद पाकिस्तान से आए रिफ्यूजियों को ज़िला विकास परिषद चुनाव के तीसरे चरण में मतदान करने की इज़ाजत मिली और मतदान करने के बाद रिफ्यूजियों ने नाचकर अपनी खुशी ज़ाहिर की। #DDCElections2020 pic.twitter.com/9owqlLFEyP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2020
बता दें कि स्थानीय चुनाव में कई समुदायों ने पहली बार मतदान किया, जिनमें पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, वाल्मीकि, गोरखा समुदाय के लोग शामिल हैं।
वहीं इस चुनाव को लेकर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि, “DDC चुनाव जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए है। लोग बड़ी संख्या में वोट डालने के लिए निकल रहे हैं। आतंकियों ने DDC चुनाव उम्मीदवार पर फायरिंग कर डर पैदा करने की कोशिश की, लोगों ने उनकी साजिशों को नाकाम कर दिया है। जम्मू-कश्मीर की जनता विकास चाहती है।”