
नई दिल्ली। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जहां एक ओर वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने में लगा है, वहीं दूसरी ओर अब वह भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर भी नजर बनाए हुए है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज की जानकारी जुटाने का काम शुरू किया है। यह पुल रियासी और रामबन जिलों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, इस खुफिया जासूसी में चीन का भी सहयोग है और चीन के निर्देश पर पाकिस्तान यह हरकत कर रहा है।
चिनाब ब्रिज से बढ़ेगा जम्मू-कश्मीर का संपर्क
हाल ही में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज का सफल परीक्षण किया गया है। इस पुल से जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच संपर्क बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पुल के जरिए भारत को रणनीतिक बढ़त भी मिलेगी, खासकर उस क्षेत्र में जो लंबे समय से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का केंद्र बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, पुल के बारे में महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी और चीनी खुफिया एजेंसियों ने मिलकर इकट्ठा की हैं।
पाकिस्तान और चीन की इंटेलिजेंस एजेंसियां जम्मू कश्मीर के कई अहम परियोजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटा रही हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी चीन की एजेंसी के इशारे पर, विशेष तौर पर जम्मू कश्मीर के चिनाब ब्रिज की पूरी जानकारी जुटा रही है।
क्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों… pic.twitter.com/oYhX5paIPH
— khulasa India (@KhulasaIndia) November 1, 2024
20 साल में हुआ प्रोजेक्ट पूरा
रियासी जिले में स्थित इस पुल को बनाने में भारतीय रेलवे को 20 साल से अधिक का समय लगा। यह पुल 272 किलोमीटर लंबे ऑल-वेदर रेलवे सेक्शन का हिस्सा है, जिसका अंतिम गंतव्य कश्मीर घाटी है। इस प्रोजेक्ट को सर्दियों में कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच संपर्क बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग कई बार बाधित हो जाता है, जिससे यह पुल एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरता है।
चिनाब ब्रिज से भारत को मिलेगा रणनीतिक लाभ
जानकारों का मानना है कि चिनाब ब्रिज से भारत को अशांत सीमा क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ मिलेगा। यह क्षेत्र, जो लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का केंद्र रहा है, अब रेलवे लाइन के जरिए आधुनिक बुनियादी ढांचे से जुड़ने जा रहा है। इस परियोजना के तहत 50 से अधिक राजमार्ग, रेलवे और पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर पर दो बार युद्ध लड़ा है, जिसमें दोनों ही इस क्षेत्र पर दावा करते आए हैं।