
जम्मू। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की अलगाववाद परस्त सियासत को उनकी ही बहन रुबिया सईद ने जोर का झटका दिया है। रूबिया ने खुद को अगवा करने के आरोपी और पूर्व आतंकवादी यासीन मलिक और उसके 4 साथियों को कोर्ट में पहचान लिया है। जबकि, महबूबा मुफ्ती लगातार यासीन मलिक का पक्ष लेती रही हैं। रूबिया सईद के अपहरण और आतंकवादियों की फंडिंग के मामलों में यासीन को गिरफ्तार किए जाने के बाद महबूबा ने उसके समर्थन में आवाज उठाई थी और रिहा करने की मांग की थी। बाकायदा महबूबा ने जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर प्रदर्शन किया था।
महबूबा किस तरह दुर्दांत आतंकी यासीन मलिक का पक्ष लेती रहीं, ये इसी से पता चलता है कि साल 2019 में भी जब यासीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो महबूबा ने बयान दिया था कि आप इंसानों को कैद कर सकते हैं, लेकिन उनके विचारों को कभी कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा था कि यासीन और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर प्रशासन क्या दिखाना चाहता है, ये उनकी समझ के बाहर है। महबूबा इसके बाद भी तमाम बार यासीन मलिक और अन्य आतंकियों के पक्ष में बयानबाजी करती रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सुरक्षाबलों से बचकर रहना चाहिए। वे आपको मार डालने की कोशिश में लगे रहते हैं।
महबूबा के इन्हीं अलगाववाद परस्त बयानों पर उनकी बहन रूबिया ने यासीन और उसके साथी आरोपियों को पहचान कर पानी फेर दिया है। बता दें कि रूबिया को जब यासीन मलिक और उसके साथियों ने अगवा किया था, उस वक्त उनके पिता और जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं में शुमार मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के गृहमंत्री थे। रूबिया को रिहा कराने के बदले यासीन के संगठन JKLF के 5 आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। देश के गृहमंत्री की बेटी को अगवा किए जाने से पूरे मुल्क में सनसनी फैल गई थी। रूबिया को उस वक्त अगवा किया गया, जब वो शेर-ए-कश्मीर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर घर लौट रही थीं। रूबिया अब चेन्नई में रहती हैं।