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Sharad Pawar: मोदी सरकार पर एनसीपी नेता शरद पवार का निशाना, बोले- ईडी-सीबीआई से डरा रहे, देश का मूड केंद्र में बदलाव का

शरद पवार ने मीडिया को बताया कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक में 16 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में विपक्षी दलों के नेता तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव को किस तरह से लड़ा जाए। शरद पवार ने आधे घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मीडिया से आज बात की।

कोल्हापुर। एनसीपी के नेता शरद पवार ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शरद पवार ने कोल्हापुर में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। शरद पवार ने मीडिया से कहा कि देश का मूड मौजूदा केंद्र सरकार को बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि देश की हालत लोगों को बताने के लिए वो महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि इस समय केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी, विपक्षी पार्टियों को डराने और धमकाने का काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। एनसीपी नेता ने कहा कि सरकार की अभी भूमिका है कि हमारे पास आओ वरना जेल जाओगे।

शरद पवार ने मीडिया को बताया कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक में 16 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में विपक्षी दलों के नेता तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव को किस तरह से लड़ा जाए। शरद पवार का ये बयान बहुत अहम है, क्योंकि पुणे में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं और शिवसेना-यूबीटी के संजय राउत ने शरद पवार से अपना रुख साफ करने के लिए कहा था। तब भी शरद पवार ने कहा था कि वो विपक्षी गठबंधन के साथ हैं और बीजेपी के पाले में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अब आप ये भी सुनिए कि अजित पवार के बारे में शरद पवार ने शुक्रवार को क्या बयान देकर अटकलों को बढ़ा दिया था।

हालांकि, शरद पवार ने शुक्रवार को ये बयान भी दिया था कि एनसीपी में कोई टूट नहीं हुई है। अपने भतीजे अजित पवार और कुछ नेताओं के महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने के बारे में पवार ने कहा था कि लोकतंत्र में हमारे इन नेताओं ने अलग रास्ता चुना है। शरद पवार के इस बयान से पहले उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने भी कहा था कि एनसीपी में कोई टूट नहीं हुई है। बता दें कि अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल समेत 9 नेताओं ने शरद पवार का साथ छोड़ने का एलान किया था और महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए थे। हालांकि, साथ छोड़ने वाले अजित पवार और अन्य नेता 4 बार शरद पवार से मिलकर उन्हें साथ लेने के लिए मनाने की कोशिश भी कर चुके हैं।