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Manipur Violence: ‘एयरस्ट्राइक करने वाले लोग अभी तक मणिपुर में हिंसा नहीं रोक पाए’, आर्कबिशप क्लेमिस का मोदी सरकार पर निशाना

आर्कबिशप ने यह बयान कांग्रेस नेता की अगुवाई में बुलाई गई रैली में दिया है, जिसे लेकर अभी सियासी पारा चढ़ गया है। उन्होंने आगे अपने बयान में कहा कि मणिपुर को लेकर अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी अपनी जुबां से नहीं बोला है। उनके इस कृत्य दुनिया में लोकतंत्र को लेकर सही संदेश नहीं जाता है।

नई दिल्ली। पहले किसी भी सियासी मसले पर मौलानाओं और हिंदू साधु-संतों की बयानबाजी ही सुर्खियों में रहती थी, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि ईसाई धर्म के सर्वेसर्वा भी खुलकर हर सियासी मसले पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। इसी कड़ी में मणिपुर हिंसा को लेकर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) के अध्यक्ष कार्डिनल मार बेसिलियोस क्लेमिस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ एयरस्ट्राइक करने वाली सरकार भला अभी तक मणिपुर में हिंसा क्यों नहीं रोक पा रही है? हिंसा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अभी-भी जमीनी हालात अभी-भी जस के तस बने हुए हैं।

बता दें कि आर्कबिशप ने यह बयान कांग्रेस नेता की अगुवाई में बुलाई गई रैली में दिया, जिसे लेकर अभी सियासी पारा चढ़ गया है। उन्होंने आगे अपने बयान में कहा कि मणिपुर को लेकर अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी अपनी जुबां से नहीं बोला है। उनके इस कृत्य से दुनिया में लोकतंत्र को लेकर सही संदेश नहीं जाता है। केंद्र यथाशीघ्र मणिपुर हिंसा मामले में हस्तक्षेप करके इस पर विराम लगाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। बहरहाल, अभी तक उनके इस बयान पर किसी की भी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब आगामी दिनों में इस पर किसकी क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, अगर मणिपुर हिंसा की मौजूदा स्थिति के बारे में आपको बताएं तो पिछले 65 दिनों से वहां हिंसा जारी है। कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, तो कई घायल हो गए हैं।

Manipur Violence

बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मणिपुर दौरे पर गए थे, लेकिन कथित तौर पर केंद्र सरकार के निर्देश पर उन्हें दौरा करने से रोक दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर राहुल को हिंसाग्रस्त जगहों का दौरा करने की इजाजत दी जाती, तो उनकी जान को खतरा हो सकता था, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें दौरा करने की इजाजत नहीं दी गई। हालांकि, बाद में उन्होंने हेलीकॉप्टर से दौरा किया था और हिंसा में पीड़ित हुए लोगों से मुलाकात भी की थी।

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इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दलों की बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें आगामी रूपरेखा के बारे में विचार विमर्श करके उसे जमीन पर उतारने की कवयाद शुरू की जा चुकी थी, लकिन सूबे की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि अभी तक राज्य में किसी भी प्रकार की सकारात्मक स्थिति पैदा हो पाई है।