नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर आभार प्रकट किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने लंबे समय तक तुष्टिकरण की राजनीति देखी है और लंबे समय तक तुष्टिकरण के शासन का मॉडल देखा है। हम तुष्टिकरण नहीं संतुष्टिकरण के विचार को लेकर चले हैं। जब हम संतुष्टिकरण की बात करते हैं तो उसका मतलब है कि हर योजना को आखिरी व्यक्त तक पहुंचाने की हमारी कल्पना।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, “This country has seen the politics of appeasement for a long time and the model of governance of appeasement for a long time…’Hum tushtikaran nahi santushtikaran ke vichaar ko lekar chalein hai’…” pic.twitter.com/Dk05yxuRAl
— ANI (@ANI) July 2, 2024
मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 जिसने जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकार छीन लिए थे, हमने उसे खत्म किया। भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था और यहां संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग, इसे जम्मू-कश्मीर में लागू करने की हिम्मत नहीं कर पाए। वो लोग बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करते रहे।
Delhi: “…The Constitution of India could not enter the borders of Jammu and Kashmir and the people who danced with the Constitution on their heads did not have the courage to implement it in Jammu and Kashmir and used to insult Baba Saheb…” says PM Modi
(Video Courtesy -… pic.twitter.com/do9gm4hli3
— IANS (@ians_india) July 2, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम 2014 के पहले के दिनों को याद करें तो हमें एहसास होगा कि हमारे देश के लोगों ने अपना आत्मविश्वास खो दिया था। देश निराशा की खाई में डूब गया था। ऐसे समय में, 2014 से पहले सबसे बड़ी देश को जो हानि हुई, वह देशवासियों के आत्मविश्वास की हानि थी और जब विश्वास और आत्मविश्वास खो जाता है, तो व्यक्ति, समाज का देश के लिए खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। हर एक आम आदमी के मुंह से यही निकलता था कि ‘इस देश का कुछ नहीं हो सकता’ कुछ समय के लिए भारतीयों की हताशा के ये शब्द एक तरह की पहचान बन गए थे, जब हम रोज अखबार खोलते थे तो सिर्फ घोटालों की ख़बरें पढ़ते थे।
#WATCH | PM Narendra Modi says, “If we remember those days of 2014, we will realise that the people of our country had lost their self-confidence. The country had drowned in the abyss of despair. At such a time, before 2014, the biggest loss that the country had suffered was the… pic.twitter.com/O8gmVDUeEK
— ANI (@ANI) July 2, 2024
पीएम मोदी ने कहा, कल और आज कई गणमान्य सदस्यों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। विशेष कर जो पहली बार सांसद बनकर हमारे बीच आए हैं और उनमें से कुछ साथियों ने संसद के नियमों का पालन करते हुए किए अपने जो विचार व्यक्त किए उनका व्यवहार ऐसा था जैसे एक अनुभवी सांसद का होता है और इसलिए प्रथम बार आने के बावजूद भी उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है और उन्होंने अपने विचारों से इस परिचर्चा को और अधिक मूल्यवान बनाया है।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया।
PM मोदी ने कहा, “कल और आज कई मान्य सदस्यों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। विशेष कर जो पहली बार सांसद बनकर हमारे बीच आए हैं और उनमें से कुछ साथियों ने… pic.twitter.com/VMZF3tcRhV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2024