नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के परवाणू में रोपवे या केबल कार में तकनीकी दिक्कत आ गई, जिसके कारण 11 टूरिस्ट उसमें फंस गए। इसके बाद उन्हें बचाने के लिए दूसरी केबल कार ट्रॉली भेजी गई है। इसके जरिए एक शख्स का रेस्क्यू किया गया। Timber Trail cable car में आई दिक्कत की वजह से हवा में 11 जानें अटक गई थीं इसके बाद तकनीकी टीम जल्द से जल्द केबल कार सर्विस को ठीक करने की कोशिश में जुट गई। जानकारी के मुताबिक, 5 परिवारों के 10 मेंबर केबल कार फंस जाने से बीच में ही अटक गए। 4 बजे तक बचाव दल ने 4 महिलाओं और 2 पुरुषों को बचा लिया था। खबर लिखे जाने तक सोलन के Timber Trail (cable-car) में से 6 टूरिस्ट्स को बचा लिया गया। टिम्बर ट्रेल की इन तस्वीरों ने अप्रैल महीने में देवघर के चित्रकूट पहाड़ियों में हुई रोपवे एक्सीडेंट की उन भयावह तस्वीरों को एक बार फिर लोगों के ज़ेहन में ताज़ा कर दिया जिसमें 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
#WATCH | Himachal Pradesh: Rescue operation underway at Parwanoo Timber Trail where a cable car trolly with tourists is stuck mid-air. pic.twitter.com/VWR13M8wLV
— ANI (@ANI) June 20, 2022
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब सोलन के टिम्बर ट्रेल में इस तरह का मंजर देखने को मिला हो बल्कि आज से 30 साल पहले भी इसी तरह लोगों की जान हवा में अटक गई थी। दरअसल, 14 अक्टूबर 1992 को भी ट्रॉली इसी तरह अचानक बीच में रुक गई थी। उस वक्त पूरे देश की नजरें भारतीय वायुसेना के अनोखे बचाव कार्य पर गड़ी थीं। केबल कार ज़मीन से 3000 फीट ऊपर थी और उसमें 11 लोग सवार थे। केबल कार अपनी मंज़िल पर ऊपर पहुंचने ही वाली थी कि अचानक एक झटका लगा और एक रस्सी टूट गई। केबल कार पीछे की ओर खिसकना शुरू हो गई। ऑपरेटर छलांग लगानी की कोशिश में कूदा तो उसका सिर चट्टान से टकराया और उसने दम तोड़ दिया। उधर, केबल कार 1500 फीट की ऊंचाई पर आ कर रुक गई। नीचे कौशल्या नदी थी। पर्यटकों को बचाने की जिम्मेदारी वायुसेना को सौंपी गई।
उस आपरेशन की कमान तत्काालीन ग्रुप कैप्टनन फाली एच मेजर ने संभाली थी जो बाद में वायु सेना प्रमुख भी बने, इस आपरेशन में पैरा कमांडो मेजर इवान जोसेफ क्रेस्टोु की भूमिका अहम रही थी जिन्हें बाद में कीर्ति चक्र से सम्मानित भी किया गया। 14 अक्टूबर 1992 को शाम ढ़लने तक केबल कार से आधे ही यात्रियों को बचाया जा सका। बाकी सबको केबल कार में रात गुजारनी पड़ी। मेजर क्रेस्टो ने उन्हें अकेला नहीं छोड़ा और पूरी रात के लिए केबल कार में ही रुक गए। पर्यटकों के मन से डर दूर करने के लिए वे रात भर गाते रहे और उनका मनोरंजन करते रहे।