नई दिल्ली। दिन-ब-दिन बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूते नज़र आ रहे हैं। लगातार बढ़ती इन कीमतों की वजह से आम आदमी की हालात खराब होती जा रही है। इतना ही नहीं डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रांसपोर्टेशन की लागत में बढ़ोतरी हो गई है। जिसका असर लोगों की रोजमर्रा की जमीन पर देखा जा रहा है। क्योंकि लोगों को रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें भी बढ़ती कीमतों पर मिल रही है।
ऐसे में जनता की ओर से लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती किए जाने की मांग की जा रही है। लेकिन इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक ट्वीट समाने आया है, जिसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि लोगों की पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने की मांग फिलहाल तो पूरी नहीं की जा सकती। दरअसल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती नहीं किए जाने की वजह बताते हुए सीतारमण ने ट्वीट किया है। जहां उन्होंने ईंधन की आसमान छूती कीमतों के लिए पूर्व की कांग्रेसनीत संप्रग सरकार जिम्मेदार ठहराया है।
UPA Govt had reduced fuel prices by issuing Oil Bonds of Rs 1.44 lakh crores. I can’t go by the trickery that was played by previous UPA Govt. Due to Oil Bonds, the burden has come to our Govt, that’s why we are unable to reduce prices of petrol & diesel: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/8zMJoLRFmZ
— ANI (@ANI) August 16, 2021
सीतारमण ने बताई वजह
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड्स जारी किए थे। जिस वजह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार यूपीए सरकार के इस्तेमाल किए गए गलत तरीके का इस्तेमाल कर ईंधन की कीमतों में कटौती नहीं कर सकती है। इसके आगे वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार की ओर से जारी किए गए ऑयल बॉन्ड्स का बोझ अब केंद्र की मोदी सरकार पर आ गया है। जिस वजह से हम पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती नहीं कर पा रहे हैं।
People are right to be concerned. Unless the Centre and states discuss a way out, there is no solution possible to this: Finance Minister Nirmala Sitharaman on the rise in fuel prices pic.twitter.com/tQwaY4EoQh
— ANI (@ANI) August 16, 2021
‘एक्साइज ड्यूटी में नहीं होगी कटौती’
इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोग पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित हैं। कहीं न कहीं उनका चिंतित होना सही भी है। जब तक केंद्र और राज्य चर्चा नहीं करते हैं, तब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने को लेकर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। हालांकि पेट्रोल-डीजल पर ली जा रही एक्साइज ड्यूटी में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी।