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Mosque Row: ज्ञानवापी केस के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों की PIL, सर्वे कराने और वजू करने की जगह पर रोक की मांग

शुभम और सप्तऋषि की तरफ से दाखिल याचिका में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दावा किया गया है कि तमाम प्रमाण हैं कि मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाईं। ऐसे में अगर सरकार गोपनीय सर्वे कराती है, तो बहुत से सबूत मिल सकते हैं।

नई दिल्ली। वकील शुभम अवस्थी और सप्तऋषि मिश्र ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग जैसी आकृति मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर देश में 100 साल और उससे पुरानी सभी मस्जिदों के सर्वे की मांग की है। अपनी याचिका में दोनों ने कहा है कि ये सर्वे भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ASI या दूसरी किसी सरकारी एजेंसी से कराया जाए। इसके साथ ही अर्जी में मांग की गई है कि सभी पुरानी मस्जिदों में वजू के लिए मौजूद तालाब या कुएं के इस्तेमाल को भी रोका जाए। इस अर्जी के खिलाफ मुस्लिम संगठनों की ओर से कोर्ट में अब जोरदार विरोध होने की पूरी संभावना लग रही है।

शुभम और सप्तऋषि की तरफ से दाखिल याचिका में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर दावा किया गया है कि तमाम प्रमाण हैं कि मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाईं। ऐसे में अगर सरकार गोपनीय सर्वे कराती है, तो बहुत से सबूत मिल सकते हैं। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट सर्वे कराने का निर्देश जारी करे, ताकि पता चल सके कि मस्जिदों के नीचे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्मस्थलों के अवशेष तो नहीं हैं। इसे गोपनीय रखने की मांग भी की गई है। ताकि सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस न पहुंचे। मस्जिदों में वजू के तालाब और कुएं के इस्तेमाल पर ये कहते हुए रोक की मांग है कि हो सकता है कि यहां किसी और धर्म के अवशेष मिलें, तो उनको संरक्षित किया जा सके।

बता दें कि पीआईएल मैन के नाम से मशहूर और बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने भी मांग की है कि सरकार सभी मस्जिदों को अपने कब्जे में ले और वहां सुरक्षा के उपाय करे। उन्होंने मांग की है कि ऐसा न करने पर मस्जिदों में छिपे हिंदू धर्म के निशानों को मिटाया जा सकता है। उपाध्याय ने मांग की है कि ऐसे पुराने मस्जिदों में सिर्फ मीडिया के लोगों को ही जाने की मंजूरी सरकार दे।